काशी से शुरू होगी विश्व की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा, जानें इसके बारे में सब कुछ
वाराणसी | पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर नए स्वरूप में उभर रही काशी में 13 जनवरी को एक और कड़ी जुड़ जाएगी। रविदास घाट से गंगा विलास क्रूज से विश्व की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा का शुभारंभ होगा। लगभग 3200 किलोमीटर की असम के डिब्रूगढ़ तक की यह यात्रा 48 दिनों में पूरी होगी। इस दौरान 50 पर्यटन स्थलों से यह गुजरेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हरी झंडी दिखाकर यात्रा का शुभारंभ कर सकते हैं। भारत आने वाले विदेशी सैलानियों के लिए यह विशेष आकर्षण होगा।
नोडल अधिकारी (क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी) कीर्तिमान श्रीवास्तव ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्रेरणा में इस सबसे बड़ी रिवर क्रूज यात्रा से वाराणसी पर्यटन के पटल पर और समृद्ध होगा। प्रमुख सचिव, पर्यटन के दिशा-निर्देशों का अमल करते हुए स्विट्जरलैंड से आ रहे 32 सैलानियों का स्वागत करते हुए काशी दर्शन कराया जाएगा। क्रूज की यात्रा यादगार बनाने को लेकर हर स्तर पर बेहतर तैयारी की जा रही है। पर्यटन को नया विस्तार देने के साथ यह यात्रा नदी किनारे की जीवन पद्धति को जानने और समझने का अवसर उपलब्ध कराएगी।
जानें इसकी खूबियां
3200 किलोमीटर की डिब्रूगढ़ की यात्रा 48 दिनों में होगी पूरी
गंगा विलास भारत में बना पहला रिवर क्रूज है
पांच सितारा सुविधाओं से सुसज्जितद 18 सुइट्स हैं
इसकी लंबाई 62.5 व चौड़ाई 13 मीटर है
ओपन स्पेस बालकनी, जिम, स्टडी रूम, लाइब्रेरी भी है
मनोरंजन के लिए गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे
स्पा, सैलून के साथ चिकित्सकीय सुविधा भी मिलेंगी
80 सैलानियों के साथ कुल 100 लोग होंगे क्रूज में सवार
यह रिवर क्रूज 27 नदियों से गुजरकर पूरी करेगी यात्रा