14 दिन…और 50% बढ़ गए प्याज के रेट,चुनाव खत्म होते ही कीमत में क्यों लगी आग?
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बन गए हैं। चुनाव से पहले प्याज की कीमत पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने निर्यात पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब इसकी कीमत में पिछले दो हफ्तों के दौरान जोरदार उछाल आया है। पिछले कुछ हफ्तों में प्याज की आवक कम होने और बकरीद में मांग बढ़ने से कीमत में तेजी की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में पिछले दो हफ्ते प्याज के दाम 30-50% तक बढ़ गए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि व्यापारी यह सोचकर प्याज का स्टॉक कर रहे हैं कि सरकार शायद जल्द ही दाम को काबू में रखने के लिए जो कदम उठा रही है उन्हें हटा देगी।
थोक में 30 रुपये किलो तक पहुंचा रेट
इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार नासिक के लासलगांव मंडी में सोमवार को प्याज की औसत थोक भाव 26 रुपये प्रति किलो था। यह रेट 25 मई को 17 प्रति रुपये प्रति किलो पर था। इस हिसाब से पिछले करीब दो हफ्ते में प्याज की कीमत में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसके अलावा महाराष्ट्र की थोक मंडियों में सबसे अच्छी किस्म की प्याज का रेट बढ़कर 30 रुपये प्रति किलो से भी ज्यादा हो गई है। रिपोर्ट में बताया गया कि सप्लाई कम और डिमांड ज्यादा होने की वजह से प्याज की कीमत तेजी बढ़ रही है।
जून के बाद स्टॉक से आएगा प्याज
जून के बाद बाजार में आने वाला प्याज, किसानों और व्यापारियों के पास पहले से रखे हुए स्टॉक से आता है। इस साल बारिश कम होने से भी रबी की फसल कम होने की उम्मीद है। इससे उम्मीद की जा रही है कि प्याज के दाम में अभी और तेजी आएगी। ऐसे में किसान अपने स्टॉक की बिक्री करने में हिचकिचा रहे हैं। हालांकि, सरकार ने निर्यात पर 40% का टैक्स लगा दिया है, जिसकी वजह से बाहर के देशों को कम प्याज भेजा जा रहा है। लेकिन देश में ही प्याज की डिमांड, खासकर 17 जून को आने वाली बकरीद के लिए काफी ज्यादा बनी हुई है।
निर्यात शुल्क घटाएगी सरकार,व्यापारियों को उम्मीद
नासिक के प्याज व्यापारी विकास सिंह का कहना है कि दक्षिणी राज्यों में महाराष्ट्र के प्याज की बहुत मांग है। हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के चेयरमैन अजित शाह का मानना है कि किसानों और व्यापारियों को उम्मीद है कि सरकार जल्द निर्यात शुल्क हटा सकती है। ऐसे में प्याज की कीमत बढ़ने का यह भी एक कारण माना जा रहा है। किसानों और व्यापारियों को लगता है कि सरकार जल्दी ही निर्यात शुल्क हटा सकती है। इस उम्मीद में व्यापारी प्याज का स्टॉक कर रहे हैं कि निर्यात से रोक हटने के बाद सस्ती खरीदी हुई प्याज पर अच्छा पैसा कमाया जा सके।