’12th फेल’ जैसी है कनिष्क कटारिया की लव स्टोरी,छोड़ी 1 करोड़ की नौकरी…UPSC टॉप करते ही किया…
नई दिल्ली। आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा की जिंदगी पर बनी फिल्म ’12th फेल’ का सीन है। सीन कुछ इस तरह है कि फिल्म में मनोज शर्मा का किरदार निभाने वाले अभिनेता विक्रांत मैसी जब बार-बार मेंस परीक्षा में फेल होते हैं, तो उनका दोस्त प्रीतम पांडे मजाक बनाता है। प्रीतम कहता है कि अगर यूपीएससी में पास होना है, तो उसे श्रद्धा (मनोज की दोस्त) का साथ छोड़ देना चाहिए, वरना इसी तरह फेल होता रहेगा। श्रद्धा को ये बात लग जाती है और वो मनोज को उसका वो वादा याद दिलाती है जिसमें उसने कहा था कि अगर श्रद्धा उसका प्यार स्वीकार कर ले, तो वो दुनिया बदल देगा। श्रद्धा मनोज को आई लव यू बोलती है और कहती है कि जाओ बदल दो दुनिया। अगले ही साल मनोज यूपीएससी क्लियर कर आईपीएस अधिकारी बन जाता है।
ये तो थी फिल्म की कहानी। अब रील लाइफ से रियल लाइफ में आते है। राजस्थान के जयपुर में रहने वाले कनिष्क कटारिया ने जब आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक किया तो विदेश से तुरंत एक शानदार नौकरी का ऑफर आ गया। नौकरी भी पूरे 1 करोड़ के सालाना पैकज वाली। कनिष्क ने कुछ दिन नौकरी की और एक दिन पता नहीं क्या सूझा कि इस्तीफा देकर भारत वापस लौट आए। वापस आकर कनिष्क ने यूपीएससी की तैयारी की और अपने पहले ही प्रयास में परीक्षा टॉप कर आईएएस अधिकारी बन गए। और इसके बाद, कनिष्क की उस लव स्टोरी से पर्दा हट गया, जिसके बारे में अब तक कोई नहीं जानता था।
गर्लफ्रेंड को मदद और सपोर्ट के लिए धन्यवाद
इसके बाद कनिष्क कटारिया मीडिया के सामने आए और खुलेआम ऐलान किया कि इस सफलता को हासिल करने में सपोर्ट के लिए वो अपनी गर्लफ्रेंड सोनल को धन्यवाद देते हैं। दरअसल, कनिष्क ने जब यूपीएससी परीक्षा की तैयारी का मन बनाया तो उनकी गर्लफ्रेंड ने उनका भरपूर साथ दिया। यही वजह थी कि कनिष्क विदेश में एक करोड़ रुपए सालाना की नौकरी छोड़कर भारत लौट आए और पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर एक बड़ा मुकाम हासिल कर लिया। कनिष्क ने कहा, ‘ये बहुत ही आश्चर्यजनक पल हैं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस परीक्षा में मुझे टॉप रैंक मिलेगी। मैं अपने माता-पिता, बहन और अपनी गर्लफ्रेंड को मदद और सपोर्ट के लिए धन्यवाद देता हूं।’
पिता और चाचा भी सिविल सर्विस में
यूपीएससी परीक्षा 2018 के टॉपर कनिष्क कटारिया सिविल सेवकों की फैमिली से आते हैं। उनके पिता और चाचा भी सिविल सर्विस में हैं। कनिष्क के पिता सांवर मल वर्मा एक IAS अधिकारी हैं और फिलहाल राजस्थान में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के निदेशक के पद पर हैं। वहीं, उनके चाचा केसी वर्मा जयपुर में डिविजनल कमिश्नर के तौर पर नियुक्त हैं। कनिष्क बताते हैं कि बचपन से ही उन्होंने अपने पिता और चाचा को देश के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के रूप में काम करते देखा। इसीलिए, वो भी उनके जैसा अधिकारी बनना चाहते थे।
छोड़कर आए थे सैमसंग कंपनी की नौकरी
कनिष्क कटारिया ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कोटा के सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की थी। पढ़ाई में कनिष्क शुरू से ही तेज थे। 2010 में 12वीं करने के बाद कनिष्क ने IIT JEE की परीक्षा दी और उन्हें 44वीं रैंक हासिल मिली। इसके बाद कनिष्क आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन के लिए मुंबई चले गए। इंजीनियरिंग करने के बाद साल 2016 तक कनिष्क साउथ कोरिया में सैमसंग कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करते रहे। कनिष्क बताते हैं कि कहीं न कहीं उनके मन में एक इच्छा थी कि वो भी यूपीएससी परीक्षा पास कर अपने पिता और चाचा की तरह सिविल सर्विस में जाएं। इसके बाद यूपीएससी के लिए वो भारत लौट आए।