पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में हुए आतंकी हमले में 3 पुलिसकर्मी घायल
खैबर पख्तूनख्वा | पाकिस्तान (Pakistan) के उत्तर पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पुलिस पिकेट पर हुए आतंकी हमले में 3 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आतंकी हमला (Terror Attack) खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) के डेरा इस्माइल खान में हुआ था। ARY न्यूज की रिपोर्ट के हवाले से कहा गया कि जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मुहम्मद शोएब के अनुसार, आतंकवादियों के एक ग्रुप ने डेरा इस्माइल खान में कुलाची पुलिस स्टेशन की सीमा में स्थित एक पुलिस पिकेट पर हमला किया। आतंकवादी रॉकेट लांचर सहित लेटेस्ट हथियारों से लैस थे।
बढ़ाई गई डेरा इस्माइल खान की सुरक्षा
पुलिस की जवाबी फायरिंग के बाद आतंकी भागने को मजबूर हो गए। आतंकवादी के कई साथी मारे गए और घायल भी हुए हैं। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है। आतंकी हमले के बाद डेरा इस्माइल खान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
30 अक्टूबर को हुआ था हमला
ARY न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, “इससे पहले 30 अक्टूबर 2022 को डेरा इस्माइल खान में दरबान पुलिस चेक पोस्ट पर आतंकवादियों के हमले में एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई थी। चार अन्य पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे।” हमले में चार पुलिसकर्मी घायल भी हुए थे और उन्हें डेरा के जिला मुख्यालय अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
उत्तरी वजीरिस्तान में आत्मघाती हमला
द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी वजीरिस्तान में मीर अली तहसील में सुरक्षा जांच चौकी पर बुधवार को हुए आत्मघाती हमले में पांच सैनिक घायल हो गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे एक वाहन का इस्तेमाल किया था। यो वाहन सुरक्षा जांच चौकी की दीवार से जा टकराया था। घटना के बाद इलाके को सील कर तलाशी अभियान शुरू किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि हमले में घायल सिपाही साजिद, जाकिर शाह, मोहम्मद उस्मान, मोहम्मद उस्मान गनी और अहसान नसीर को अस्पताल ले जाया गया था। किसी भी आतंकवादी गुट ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
ये है कानून और व्यवस्था का हाल
इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी की रिपोर्ट कहती है कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कानून और व्यवस्था की स्थिति पिछले कुछ हफ्तों में गंभीर रूप से बिगड़ गई है। सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ हाई-प्रोफाइल राजनीतिक हस्तियों पर हमलों में वृद्धि देखी गई है।