नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शनिवार को स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान में 75वें ‘अमृत महोत्सव’ को वीडियो का कांन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ”श्री स्वामीनारायण के नाम स्मरण से ही एक नव चेतना का संचार होता है। आज संतों के सानिध्य में श्री स्वामीनारायण का नाम स्मरण एक अलग ही सौभाग्य का अवसर है। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में इस संस्थान का भविष्य और भी यशस्वी होगा।”
‘संस्थान सराहनीय कार्य कर रहा है’
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि, ”मैं राजकोट गुरुकल के 75 वर्षों की इस यात्रा के लिए आप सभी जो हृदय से बधाई देता हूं। इस संस्थान का भविष्य और भी यशस्वी और सेवा क्षेत्र में इसका योगदान अप्रतिम होगा।” उन्होंने कहा कि, ”आजादी के बाद हमारी शिक्षा प्रणाली में भारत के गौरवशाली इतिहास को फिर से जीवंत करना हमारा दायित्व था। तब सरकारों ने औपनिवेशिक मानसिकता के तहत इस बारे में कदम नहीं उठाए” उन्होंने कहा कि, ”ये संस्थान स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामुदायिक सेवा के अन्य पहलुओं जैसे क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रहा है।”
‘जीवन पद्धति का हिस्सा थे नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय’
पीएम मनोदी ने कहा कि, ”भगवान स्वामीनारायण के नाम का स्मरण मात्र से ही मुझमें ऊर्जा का संचार हो जाता है। आज आप सभी की गरिमामयी उपस्थिति में मैं इस अवसर पर धन्य महसूस कर रहा हूं। हमारे गुरुकुल सदियों से समता, समानता और सेवाभाव की वाटिका की तरह रहे हैं। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय भारत की इस गुरुकुल परंपरा के वैश्विक वैभव के पर्याय हुआ करते थे। खोज और शोध, ये भारत की जीवन पद्धति का हिस्सा थे।”