कानपुर में 5 सेकंड में गई नानी-नाती की जान;9 फीट ऊंची दीवार में नहीं था पिलर

कानपुर में 5 सेकंड में गई नानी-नाती की जान;9 फीट ऊंची दीवार में नहीं था पिलर

कानपुर। कानपुर में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया। दोपहर के वक्त नानी कुर्सी पर बैठकर धूप सेंक रही थी। बगल में उनका नाती दीवार के गेट पर लटक कर झूला-झूल रहा था। वह गेट को बार-बार इधर-उधर कर रहा था। तभी उनके ऊपर दीवार गिर गई। इसके नीचे दबकर दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना का CCTV भी सामने आया है।

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10 फीट लंबी और 9 फीट ऊंची दीवार जब गिरी, तो पहले किसी को कुछ समझ ही नहीं आया। बाद में लोग तेजी से दीवार का मलबा हटाने लगे। लेकिन, तब तक दोनों दम तोड़ चुके थे। इस दीवार में कोई पिलर भी नहीं था। हादसा किदवई नगर के कंजड़नपुरवा इलाके का है। एक साथ दो की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

दीवार पर झूल रहा था बच्चा
CCTV में मोहल्ले के बच्चे खेलते हुए दिख रहे हैं। वहीं, बाउंड्री वॉल के किनारे बैठकर 60 साल की नानी कृष्णा धूप सेंक रही थीं। बाउंड्री वॉल से लगे गेट पर उनका 7 साल का नाती कुनाल झूल रहा था। जिस दीवार के गेट पर बच्चा झूल रहा था, वह 10 फीट लंबी थी। इसी बीच दीवार ढह गई। यह हादसा होने में सिर्फ 5 सेकंड का वक्त लगा।

एक साथ खेल रहे थे बच्चे मोहल्ले और परिवार के बच्चे एक साथ बस्ती में रोड पर खेल रहे थे। कुनाल गेट पर कई बार झूलने के लिए चढ़ा। लेकिन हर बार उतर गया। लेकिन, आखिरी बार वह बच्चों के साथ खेलते हुए गेट पर चढ़कर झूलने लगा। करीब 5 सेकंड तक कुनाल गेट पर झूलता रहा। इसके चलते जर्जर दीवार रोड की तरफ ढह गई।

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दीवार में नहीं था कोई पिलर
नगर निगम के अधिकारी भी जांच करने के लिए पहुंचे। जोनल अधिकारी-5 राधेश्याम पटेल ने बताया कि करीब 9 फीट ऊंची दीवार बनाने के बाद भी दीवार में कोई पिलर नहीं बनाया गया था। इसके अलावा घर की बाउंड्री में नीम का पेड़ था, जिसकी वजह से भी दीवार के अंदर सीलन बनी हुई थी। जो चटक गई थी। बच्चे के अत्यधिक जोर लगने से दीवार धराशायी हो गई।

3 दिन पहले आया था परिवार
मृतक कृष्णा का नाती कुनाल अपने पिता सुरेश और मां दीपा के साथ 3 दिन पहले ही कानपुर आया था। वह अपने नानी के घर ही रह रहा था। सुरेश बहेटा में फेरी लगाने का काम करता है। मां और बेटे को एक साथ खो देने से दीपा का रो-रोकर बुरा हाल है।

किस्मत से बच गईं तीन जानें
कृष्णा देवी लोगों के घरों में चौका बर्तन करती थीं। पति की पहले ही मौत हो चुकी है। वह अपने तीन बेटों नगीना, पंकज, सबनाम, बेटी दीपा, दामाद सुरेश व उनके तीन बच्चों आर्यन (12), शैलेंद्र (10) व कुनाल के साथ रहती थीं। हादसे के वक्त तीनों बेटे और दामाद काम पर गए थे। 3 दिन पहले दामाद और बेटी दीपा कानपुर पहुंचे थे।

दीपा अपने तीनों बच्चों के साथ हादसे के कुछ देर पहले इसी दीवार के पास ही मौजूद थी। लोगों ने बताया कि दीपा, आर्यन व शैलेंद्र के साथ जैसे ही घर के अंदर गईं,तभी हादसा हो गया। लोगों में किस्मत से तीनों की जान बच जाने की चर्चा रही।

Shiv murti

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