‘आतंकवाद बांटता है और…’,जी-20 टूरिज्म मिनिस्टर की बैठक में बोले पीएम मोदी
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को जी-20 पर्यटन मंत्रियों की बैठक को वर्चुएली संबोधति किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जी-20 की मेजबानी के दौरान हम लगभग 200 से अधिक बैठकों का आयोजन देश में 100 अलग-अलग जगह पर कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य हमारी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और पर्यटन क्षेत्र के लिए विश्व स्तर के इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करना है। आतंकवाद बांटता है, पर्यटन जोड़ता है।
पीएम ने आगे कहा कि हमारे प्राचीन शास्त्रों में एक कहावत है ‘अतिथि देवो भव’ जिसका मतलब है मेहमान भगवान की तरह है और यही पर्यटन के प्रति हमारा दृष्टिकोण है। हमारा पर्यटन केवल दर्शनीय स्थलों की यात्रा के बारे में नहीं है बल्कि ये एक गहरा अनुभव है। कहा जाता है कि आतंकवाद बांटता है,लेकिन पर्यटन जोड़ता है। वास्तव में,पर्यटन में सभी क्षेत्रों के लोगों को जोड़ने की क्षमता है,जिससे एक बेहतर समाज का निर्माण होता है।
उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि यूएनडब्ल्यूटीओ के साथ साझेदारी में एक जी20 पर्यटन डैशबोर्ड विकसित किया जा रहा है। मुझे खुशी है कि हम सतत विकास लक्ष्यों की पूर्ति के लिए पर्यटन क्षेत्र की प्रासंगिकता को भी पहचान रहे हैं। हम हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल विकास,पर्यटन एमएसएमई और गंतव्य प्रबंधन के 5 परस्पर क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं। यह हमारी प्राथमिकता को दर्शाता है। हमें इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी में इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के बाद पर्यटकों की संख्या में 10 गुणा की बढ़ोतरी हुई है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने निर्माण के एक साल के अंदर 27 लाख पर्यटक पहुंचे हैं। पिछले नौ वर्षों में हमने देश में पर्यटन के पूरे इकोसिस्टम को विकसित करने पर विशेष बल दिया है। भारत की जी-20 की मेजबानी की थीम वसुधैव कुटुम्बकम् ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ वैश्विक पर्यटन का आदर्श बन सकता है।
त्योहारों का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि भारत त्योहारों का देश है। साल भर पूरे देश में हमारे त्यौहार होते हैं। गोवा में जल्द ही ‘साओ जोआओ’ फेस्टिवल आने वाला है,लेकिन एक और फेस्टिवल है ‘फेस्टिवल ऑफ डेमोक्रेसी’ जिसमें आपको जरूर जाना चाहिए। अगले साल भारत में लोकसभा के चुनाव होने हैं। करीब एक महीने से अधिक समय तक लगभग एक अरब मतदाता इस त्योहार को मनाएंगे,जो लोकतांत्रिक मूल्यों में उनके दृढ़ विश्वास की गवाही देता है।