हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अडानी ने फिर किया पलटवार,कहा-शेयरों को जानबूझकर गिराया
नई दिल्ली। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के 5 महीने के बाद बड़ा बयान जारी किया है। गौतम अडानी ने कहा है कि अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट फर्जी थी। अडानी ग्रुप ने कहा है कि हिंडनबर्ग की तरफ से गलत रिपोर्ट जारी की गई है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य सिर्फ अडानी समूह पर गलत आरोप लगाना और कंपनी के शेयरों को गिराना था। कंपनी के शेयरों को गिराकर लोगों ने मुनाफा कमाया है।
कंपनी की रेपुटेशन को पहुंचाना था नुकसान
अडानी एंटरप्राइजेज की सालाना रिपोर्ट में गौतम अडानी ने कहा है कि ग्रुप को टारगेट करने के लिए जानबूझकर इस तरह की फर्जी सूचना फैलाई गई थी। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का मकसद ग्रुप की रेपुटेशन को नुकसान पहुंचाना था।
कंपनी पेश करने जा रही थी FPO
अडानी ने कहा कि इस रिपोर्ट को उस समय पर निकाला गया जब हमारी कंपनी सबसे बड़ा एफपीओ पेश करने जा रही थी। हिंडनबर्ग ने हमारी कंपनी को बदनाम करने और टारगेट करने के मकसद से इस रिपोर्ट को पेश किया था। कंपनी ने फिलहाल एफपीओ को वापस लाने और निवेशकों का पैसा वापस करने का फैसला लिया था।
गणतंत्र दिवस के समय पेश की थी रिपोर्ट
आपको बता दें एक समय में दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में रहे गौतम अडानी ने कहा है कि हिंडनबर्ग ने भारत के गणतंत्र दिवस से पहले रिपोर्ट जारी की थी। अडानी ग्रुप का एफपीओ भारत के बाजार इतिहास में सबसे बड़ा एफपीओ हो सकता था।
स्टॉक को गिराकर कमाया मुनाफा
उन्होंने कहा है कि यह रिपोर्ट ग्रुप को टारगेट करने के लिए जानकर फैलाई गई फर्जी सूचना और पुराने,बेबुनियाद आरोपों का एक संयोजन थी जिसका उद्देश्य हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और हमारे स्टॉक की कीमतों को जानबूझकर कम करके मुनाफा कमाना था।
धीरे-धीरे सुधरे हैं कंपनी के शेयर्स
अडानी ने आगे कहा कि रिपोर्ट की वजह से हमे कई तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ा था। उस समय पर कंपनी ने बड़े लेवल पर रिपोर्ट को गलत साबित किया था,लेकिन कई लोगों ने शार्ट सेलर फर्म की तरफ से किए गए दावों का फायदा उठाने की कोशिश की थी। फिलहाल कंपनी के शेयरों में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिला था।
कितना घटा कंपनी का वैल्यूएशन
आपको बता दें सितंबर 2022 की तुलना में ग्रुप का मार्केट वैल्यूएशन करीब 12.5 ट्रिलियन रुपये घटा है।