कलकत्ता HC के फैसले पर SC की अंतरिम रोक,अंडमान के LG पर लगाया था 5 लाख का जुर्माना,चीफ सेक्रेटरी भी सस्पेंड
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है जिसमें उसने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के एलजी पर 5 लाख का जुर्माना लगा दिया था। शुक्रवार (4 अगस्त) को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुनने की तारीख 11 अगस्त मुकर्रर की है। गुरुवार (3 अगस्त) को कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्र शासित प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को भी सस्पेंड कर दिया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू) से संबद्ध अंडमान सार्वजनिक निर्माण विभाग को दैनिक दर वाले मजदूरों को डीए लाभ के साथ वेतन का 1/30वां हिस्सा देने का आदेश दिया था। अदालत के इसी आदेश की अनुपालना नहीं होने के कारण कोर्ट ने प्रदेश के एलजी और चीफ सेक्रेटरी पर जुर्माना लगाते हुए सस्पेंड कर दिया था।
बीते साल के आदेश पर भी अंडमान प्रशासन ने नहीं लिया था फैसला
पिछले साल 19 दिसंबर को पारित पहले आदेश में अंडमान प्रशासन के नियोजित लगभग 4,000 दैनिक मजदूरों (डीआरएम) को उच्च वेतन और डीए (महंगाई भत्ता) प्रदान करने की बात कही गई थी। अंडमान सार्वजनिक निर्माण विभाग मजदूर संघ की ओर से पेश हुए वकील गोपाल बिन्नू कुमार ने अदालत के फैसले का स्वागत किया।
उन्होंने कहा, मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं। मुख्य सचिव और उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन को अदालत ने डीआरएम के लिए 1/30वें वेतन और महंगाई भत्ते का लाभ जारी करने के अपने आदेश का पालन न करने के लिए दोषी पाया,जो 2017 से लंबित है।
वकील ने बताया कि 22 सितंबर,2017 को यहां के स्थानीय प्रशासन ने एक ज्ञापन जारी किया था जिसमें कहा गया था कि डीआरएम को एकमुश्त वेतन दिया जाएगा और इसके लिए उन्होंने कुछ लाभार्थियों को चुना है। प्रशासन के ज्ञापन जारी किए जाने के बाद हमने इस मामले को अदालत में चुनौती दी थी। ज्ञापन में कहा गया है कि शेष डीआरएम को उनका वेतन 2017 से नहीं,बल्कि नौ मई, 2023 से मिलेगा। अदालत ने डीआरएम को 2017 से वेतन जारी करने का निर्देश दिया था। मामले में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।