मिलेनियम सिटी गुरूग्राम के माथे पर लगा दंगे का बदनुमा दाग,क्या निवेशकों का भरोसा रहेगा कायम?
नई दिल्ली। बीते तीन दशक में भारत की आर्थिक तरक्की के लिए अगर किसी शहर को शोकेस करना हो तो इसकी प्रस्तुति के लिए हरियाणा के टेक सिटी गुरूग्राम से बेहतर कोई शहर नहीं हो सकता है जो भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति का सबसे प्रमुख केंद्रों में से एक है। गुरूग्राम को मिलेनियम सिटी की पहचान मिली हुई है। क्योंकि शहर की कनेक्टिविटी लोकेशन शानदार होने के साथ,निवेश के लिए यहां बेहतरीन माहौल है। साथ ही बिजनेस कैपिटल और विस्तार की क्षमता और यहां की लग्जरियस लाइफस्टाइल चार चांद लगाती है। लेकिन इस हफ्ते गुरूग्राम के आसपास के इलाकों और शहर से 50 किलोमीटर दूर नूंह में हुए साम्प्रदायिक दंगों ने आईटी और मैन्युफैक्चरिंग सिटी के तौर पर दुनियाभर में मशहूर गुरूग्राम के माथे पर बदनुमा दाग लगा दिया है जिसके धुलने में ना जाने कितना वक्त लग जाएगा। शायद ही गुरूग्राम वासी इसे कभी भूला पायेंगे।
दिग्गज कंपनियों का है दफ्तर-फैक्ट्री
गुरूग्राम में देश की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति सुजुकी, हीरो मोटोकोर्प, नेस्ले, कोक,पेप्पसी और भारती एयरटेल, टीसीएस, एचसीएल टेक, गूगल,पैनासॉनिक जैसी दिग्गज कंपनियों की फैक्ट्रियां या फिर दफ्तर है। इसके अलावा शहर में कई सर्विसेज क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के अलावा ऑटो एंसिलियरी कंपनियों का भी मैन्युफैक्चरिंग बेस है। गुरूग्राम और नूंह में हुए साम्प्रदायिक तनाव के बाद कंपनियों को अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने के लिए कहना पड़ा। शर्मनाक बात ये है कि इस आईटी सिटी में इंटरनेट को बंद करना पड़ा। अब ये कंपनियां प्रशासन से निर्देश मिलने और हालात के सामान्य होने के बाद ही अपने कर्मचारियों को दफ्तर बुलाएंगी। कंपनियों को अपने कर्मचारियों की सुरक्षा की चिंता है।
इनकम टैक्स भुगतान में 9वें पायदान पर
गुरूग्राम का भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान का अंदाजा इनकम टैक्स विभाग के डेटा से लगाया जा सकता है जिसके मुताबिक इनकम टैक्स देने वाले टॉप शहरों में गुरूग्राम देश में 9वें स्थान पर है. पहले स्थान पर मुंबई है, इसके बाद दिल्ली, बेंगलूरू, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे का नंबर आता है और इसके बाद गुरूग्राम है। 2011 के जनसंख्या डेटा के मुताबिक गुरूग्राम की आबादी करीब 15 लाख है जिसमें 4.5 लाख लोग इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं और यहां करीब 30,000 के करीब कंपनियां मौजूद है। ये सभी मिलाकर 2022-23 में कुल 40,000 करोड़ रुपये इनकम टैक्स का भुगतान किया था। 2012-21 के बाद से औसतन 20 फीसदी इनकम टैक्स कलेक्शन में ग्रोथ देखने को मिला है। और 2023-24 में इनकम टैक्स कलेक्शन 50,000 करोड़ रुपये के पार जाने की उम्मीद है। और ये ग्रोथ रेट बरकरार रहा तो इनकम टैक्स भुगतान करने के मामले में गुरूग्राम देश के पांच बड़े शहरों में शामिल होगा।
प्रति व्यक्ति आय मामले में तीसरे स्थान पर
गुरूग्राम हरियाणा का सबसे बड़ा बिजनेस सेंटर है। एसोचैम के मुताबिक, हरियाणा में होने वाले रियल एस्टेट इंवेस्टमेंट में 70 फीसदी योगदान केवल गुरूग्राम का है जहां डीएलएफ समेत कई बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां मौजूद है। देश के जीडीपी में गुरूग्राम की हिस्सेदारी 5 फीसदी है। और प्रति व्यक्ति आय के मामले में चंडीगढ़ और मुंबई के बाद गुरूग्राम तीसरे स्थान पर है। 2022-23 में केवल गुरूग्राम से 36,000 करोड़ रुपये जीएसटी कलेक्शन देखने को मिला था जबकि पूरे हरियाणा का जीएसटी कलेक्शन 45000 करोड़ रुपये के करीब रहा है। देश में मौजूद फॉर्च्युन 500 कंपनियों में से 50 फीसदी का दफ्तर गुरूग्राम में मौजूद है।
रोजगार का प्रमुख केंद्र
हजारों की संख्या में दिल्ली एनसीआर के आसपास के शहरों से लोग काम के लिए हर रोज गुरूग्राम आते हैं। ज्यादा कंपनियां की प्राथमिकता दिल्ली नोएडा से पहले गुरूग्राम में दफ्तर खोलना रहता है। लेकिन हाल के दिनों में शहर में जलजमाव ने वैसे ही इस शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर सवाल खड़े किए हैं। और अब इस टेक सिटी में हुए धार्मिक उन्माद ने दुनियाभर में गुरूग्राम को कलंकित कर दिया है।