दिल थाम लीजिए! आखिरी पड़ाव पर पहुंचा अपना चंद्रयान-3,सॉफ्ट लैंडिंग से पहले ISRO से आया बड़ा अपडेट
नई दिल्ली। भारत का मून मिशन चंद्रयान-3 अपने सफलता की तरफ लगातार आगे बढ़ रहा है। ISRO के इस मून मिशन पर पूरे विश्व की नजर है। बुधवार को यह मिशन अपनी सफलता की ओर एक और कदम बढ़ा दिया। चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई।
आखिरी पड़ाव पर चंद्रयान-3
ISRO ने बताया कब होगी लैंडिग
चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी
चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी
भारत के महत्वाकांक्षी मिशन मून चंद्रयान-3 बुधवार को पृथ्वी के इकलौते उपग्रह की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया। इसके साथ ही यह यान चंद्रमा की सतह के और भी करीब आ गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
लैंडर से अलग होने के लिए तैयारी
ISRO ने ट्वीट किया,’आज की सफल प्रक्रिया संक्षिप्त अवधि के लिए आवश्यक थी। इसके तहत चंद्रमा की 153 किलोमीटर x 163 किलोमीटर की कक्षा में चंद्रयान-3 स्थापित हो गया, जिसका हमने अनुमान किया था। इसके साथ ही चंद्रमा की सीमा में प्रवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब प्रणोदन मॉड्यूल और लैंडर अलग होने के लिए तैयार हैं।’
17 अगस्त को अलग होगा लैंडर
इसरो ने कहा कि 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रणोदन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की योजना है। 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद चंद्रयान-3 ने पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया,जिसके बाद इसने छह,नौ और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया तथा उसके और निकट पहुंचता गया।
23 अगस्त को चंद्रयान लैंडिग का अनुमान
चंद्रयान-3 को चंद्रमा के ध्रुवों पर स्थापित करने का अभियान आगे बढ़ रहा है। इसरो चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाने का प्रयास कर रहा है और चंद्रमा से उसकी दूरी धीरे-धीरे कम होती जा रही है। चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है। इस दूसरी बार होगा जब चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिग कराने की कोशिश होगी।