म्यूजियम का नाम बदलते ही सियासी संग्राम,रविशंकर बोले-‘कांग्रेस के लिए केवल नेहरू मायने रखते हैं’
नई दिल्ली। नेहरू मेमोरियल का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम कर दिया गया है,जिसके बाद कांग्रेस पार्टी और बीजेपी के बीच सियासी संग्राम की शुरुआत हो गई है। सबसे पहले तो कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने नाम बदलने को लेकर बीजेपी पर आरोपों की बारिश कर दी थी, जिसके बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने भी पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के लिए केवल नेहरू और उनका परिवार ही मायने रखता है।
रविशंकर प्रसाद ने बताई नाम बदलने की वजह
यह देश हर व्यक्ति का हैःअर्जुन मुंडा
जयराम रमेश ने बीजेपी पर लगाए थे गंभीर आरोप
क्यों बदला गया नेहरू मेमोरियल का नाम?
रविशंकर प्रसाद ने नाम बदलने की वजह बताते हुए कहा कि अब इस म्यूजियम में हर पीएम को सम्मानजनक स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा- ‘कांग्रेस पार्टी, जयराम रमेश और पीएम नरेंद्र मोदी की सोच में बुनियादी अंतर है। वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल नेहरू जी और परिवार ही मायने रखते हैं। नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रधानमंत्रियों को म्यूजियम में सम्मानजनक स्थान दिया। लाल बहादुर शास्त्री को वहां जगह क्यों नहीं मिली? वहां न इंदिरा गांधी थीं,न राजीव गांधी,न मोरारजी देसाई,न चौधरी चरण सिंह,न अटल बिहारी वाजपेयी और न ही एचडी देवगौड़ा। जब सभी प्रधानमंत्रियों को जगह मिल रही है,तो यह प्रधानमंत्री स्मृति पुस्तकालय बन रहा है।’
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा- ‘नेहरू जी ने स्वतंत्रता आंदोलन में बहुत योगदान दिया और स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलना मोदी सरकार के लिए अपमानजनक है। जवाहरलाल नेहरू ने इतनी लंबी लकीर खींच दी है कि उन्हें आपकी दया की जरूरत नहीं है। उनका नाम अमर है।’
वहीं, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा-‘ये देश सबका है। देश किसी व्यक्ति से नहीं,बल्कि व्यवस्था और संस्था से चलता है। यह लोकतंत्र है। प्रधानमंत्री एक व्यक्ति नहीं,बल्कि एक संस्था है,इसलिए,संग्रहालय उन सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित किया गया है,जिन्होंने इस देश की सेवा की।’
कांग्रेस को PMML का करारा जवाब
प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय के कार्यकारी परिषद के उपाध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने कांग्रेस को करारा जवाब देते हुए कहा- ‘यदि आप अब नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय में आएंगे तो आप तीन मूर्ति भवन में देखेंगे कि हमने कैसे नेहरू,आधुनिक भारत के उनके मंदिरों, हीराकुंड बांध, नागार्जुन सागर बांध और संस्थान स्थापित करने के उनके विचार को प्रदर्शित किया है। प्रधानमंत्री के रूप में 17 सालों के कार्यकाल में उन्होंने इस राष्ट्र के जीवन के विभिन्न पहलुओं में जो अभूतपूर्व काम किया, वह सब यहां प्रदर्शित है। मैं ऐसे हर व्यक्ति से अनुरोध करूंगा, जिसे इस बारे में कोई संदेह हो कि वो संग्रहालय में आकर देखे कि हमने पूरे नेहरू प्रश्न को कैसे संभाला है।’