पूरी दुनिया में बढ़े तलाक के मामले; पु्र्तगाल है अभी नंबर वन,जानिए भारत में क्या है हाल?

पूरी दुनिया में बढ़े तलाक के मामले; पु्र्तगाल है अभी नंबर वन,जानिए भारत में क्या है हाल?
ख़बर को शेयर करे

नई दिल्ली। दुनियाभर में पति-पत्नी के बीच झगड़े बढ़ते जा रहे हैं। यही वजह है कि दंपती के बीच होने वाले तलाक की संख्या में भी साल दर साल इजाफा हो रहा है। हालांकि परिवार व्यवस्था और रिश्तों को बनाए रखने वाले देशों में भारत का नाम सबसे पहले नंबर पर आता है।

हाल ही में ग्लोबल इंडेक्स की रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें दुनिया में होने वाले तलाक के मामलों में भारत 1 प्रतिशत के साथ रिश्ते निभाने में सबसे अच्छा देश माना गया है। वहीं दुनियाभर में सबसे ज्यादा तलाक की लिस्ट में पुर्तगाल का नाम सबसे पहले आता है। यानी पुर्तगाल वो देश है जहां तलाक के मामले सबसे ज्यादा होते हैं।

सबसे कम इन देशों में होते हैं तलाक
भारत- 1 प्रतिशत
वियतनाम – 7 प्रतिशत
ताजिकिस्तान – 10 प्रतिशत
ईरान – 14 प्रतिशत
मैक्सिको- 17 प्रतिशत
इजिप्ट- 17 प्रतिशत
साउथ अफ्रीका- 17 प्रतिशत
ब्राजील- 21 प्रतिशत
तुर्किए- 25 प्रतिशत
कोलंबिया- 30 प्रतिशत

भारत में पति-पत्नी किन परिस्थितियों में ले सकते हैं तलाक
अगर पति-पत्नी आपसी सहमति से तलाक लेना चाहते हैं तो इसके लिए शर्त होती है कि वो दोनों एक साल से अलग रहे हैं हों। इसके अलावा इन दोनों को कोर्ट में पीआईएल दाखिल करनी जरूरी होती है कि हम आपसी सहमति से तलाक लेना चाहते हैं।

साथ ही कोर्ट अपने सामने दोनों के बयान दर्ज करती है और साइन कराती है। इसके बाद कोर्ट दोनों को रिश्ता बचाने को लेकर विचार करने के लिए छह महीने का वक्त देती है। जब छह महीने पूरे हो जाते हैं और दोनों में सहमति नहीं बन पाती तो कोर्ट अपना आखिरी फैसला सुनाती है।

इसे भी पढ़े   महिला पतंजलि योग समिति की बहनों को दी गई अहम जिम्मेवारी - राबर्ट्सगंज के मारवाडी धर्मशाला में किया गया साध्वी बहनों का स्वागत

हालांकि कुछ समय पहले ही कोर्ट ने ये भी माना है कि यदि पति-पत्नी के बीच आपसी संबंध अच्छे नहीं हैं और ये साफ है कि दोनों साथ नहीं रह पाएंगे,ऐसी स्थिति में 6 महीने का इंतजार भी करने की जरुरत नहीं है।

आपसी सहमति के अलावा एक और तरीके से तलाक ली जा सकती है। इसमें अगर पति या फिर पत्नी दोनों में से एक तलाक लेना चाहता है तो उसे ये साबित करना होगा कि वो तलाक क्यों लेना चाहते है।

इसके पीछे कई स्थितियां हो सकती हैं,जैसे दोनों में से कोई एक पार्टनर शारीरिक,मानसिक प्रताड़ना, धोखा देना, पार्टनर द्वारा छोड़ देना, पार्टनर की दिमागी हालत ठीक ना होना और नपुंसकता जैसी गंभीर मामले में ही तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है।

दुनिया के इन देशों में होते हैं सबसे ज्यादा तलाक
पुर्तगाल – 94 प्रतिशत
स्पेन – 85 प्रतिशत
लक्जमबर्ग – 79 प्रतिशत
रूस – 73 प्रतिशत
यूक्रेन – 70 प्रतिशत
क्यूबा – 55 प्रतिशत
फिनलैंड – 55 प्रतिशत
बेल्जियम – 53 प्रतिशत
फ्रांस – 51 प्रतिशत
स्वीडन – 50 प्रतिशत

पुर्तगाल में क्यों होते हैं सबसे ज्यादा तलाक
पुर्तगाल में शादी के बाद दंपती का तलाक लेना बेहद आम बात है। वहां तलाकशुदा महिला और पुरुष को तिरस्कार की नजर से नहीं देखा जाता। खास बात ये है कि पुर्तगाल में लगभग 87 प्रतिशत महिलाएं सिंगल पेरेंट हैं।

दूसरे यूरोपीय देशों के मुकाबले पुर्तगाल में महिलाओं को ज्यादा अधिकार हैं। एक स्टडी के अनुसार,वहां 10 में से 8 जोड़ों का तलाक होता ही है। वहीं 2020 के UNIDO सर्वेक्षण से पता चलता है कि पुर्तगाल में तलाक की दर प्रति 100 विवाहों में 91.5 प्रतिशत थी,जो यूरोपीय देशों में सबसे अधिक है।

इसे भी पढ़े   15 दिन में पति-पत्नी और पोती ने दम तोड़ा,दो बेटे ICU में;8 मेंबर्स की बिगड़ी थी तबीयत

दुनिया के मुकाबले क्यों भारत में कम है तलाक की दर
समाज विज्ञानियों के मुताबिक भारत में रिश्ते ज्यादा चलने की वजह सांस्कृतिक पहलू है। जिसमें परिवार के साथ चलने पर ज्यादा जोर दिया जाता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में मामले ऐसे भी हैं जो कानूनी प्रक्रिया में नहीं जाते और खुद पति-पत्नी ही अलग रहने लगते हैं।

इसके चलते भी कई बार आंकड़ा सामने नहीं आ पाता। हालांकि इसके बाद भी अन्य देशों की तुलना में भारत में तलाक के मामले सबसे कम हैं.

पिछले आंकड़ों की तुलना में भारत में हर साल हो रही तलाक के मामलों में वृद्धि
वैसे तो विश्व में तलाक के मामलों में भारत सबसे पीछे है यानी भारत में तलाक की दर सबसे कम है,लेकिन पिछले कुछ समय में भारत में तलाक के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में भी तेजी से तलाक की दर बढ़ रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली में हर साल 8 से 9 हजार तलाक के मामले आते हैं। जो देश में सबसे ज्यादा हैं।

इसके बाद मुंबई और बेंगलुरु में सबसे ज्यादा 4 से 5 हजार तलाक के मामले सामने आते हैं। यहां पिछले एक दशक में आंकड़े दोगुने हुए हैं।

एचटी की रिपोर्ट में ये सामने आया था कि 1960 के दशक में भारत में तलाक के एक या दो ही मामले सामने आते थे।लेकिन 1980 आते-आते ये मामले 100-200 हो गए और अब बढ़ते-बढ़ते ये आंकड़ा 1990 में 1000 पहुंच गया. अब हर साल देश में लगभग 9,000 तलाक के मामले सामने आते हैं।

इसे भी पढ़े   छपरा में मचा बवाल,पिटाई से युवक की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने की आगजनी

इस देश में नहीं है तलाक का कानून
दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां पति-पत्नी आपस में तलाक ही नहीं ले सकते क्योंकि वहां उनके लिए तलाक का कानून ही नहीं है।

वो देश है फिलीपींस। ये दुनिया का इकलौता देश है जहां पर तलाक का कोई प्रावधान नहीं है। यहां ‘तलाकशुदा’ होना एक अपमान की बात मानी जाती है। हालांकि,फिलीपींस में कुछ मुस्लिम नागरिकों को धर्म के आधार पर छूट दी गई है लेकिन बाकी लोगों के लिए इस देश में तलाक लेना गैरकानूनी है।

यहां ऐसा नहीं है कि तलाक लेने की मांग न की गई हो,लेकिन ‘कैथोलिक’ धार्मिक प्रभाव की वजह से इसपर कभी कोई कानून नहीं बनाया जा सका। कुछ साल पहले फिलीपींस की संसद में एक बिल भी पेश किया गया था,लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति बेनिग्नो एक्वीनो की वजह से ये पास नहीं हो सका।

बेनिग्नो खुद अविवाहित हैं और तलाक के बेहद खिलाफ भी हैं। उनका कहना था कि वो नहीं चाहते फिलीपींस अमेरिका के लॉस वेगास में तब्दील हो जाए, जहां लोग सुबह शादी करें और दोपहर में तलाक ले लें।


ख़बर को शेयर करे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *