पाकिस्तान में चुनाव के ऐलान के बाद बढ़ी आतंकी गतिविधियां!तो क्या पाक ऑर्मी और आतंकियों ने किया धमाका?
पाकिस्तान। पाकिस्तान में शुक्रवार को अलग-अलग जगह हुए दो आत्मघाती विस्फोटों में 58 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक लोग घायल हो गये। पुलिस ने यह जानकारी दी। पैगम्बर मोहम्मद का जन्मदिन ‘ईद ए मिलाद उन नबी’ मनाने के लिए पाकिस्तान के अशांत बलोचिस्तान प्रांत में मस्जिद के बाहर एक रैली के वास्ते भारी संख्या में लोग एकत्र हुए थे और उसी दौरान यह विस्फोट हुआ। पाकिस्तान में बीते कुछ दिनों से आत्मघाती धमाकों में इजाफा हो रहा है। इसे आने वाला चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान में आत्मघाती हमलों में इजाफा
चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद बढ़ी आतंकी घटना
पाकिस्तान में चुनाव की तारीखों का ऐलान
पाकिस्तान में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। जनवरी 2024 के आखिरी हफ्ते में यहां चुनाव होने हैं। जब से देश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ है आतंकवादी संगठन भी सक्रिय हो गए हैं। यही वजह की आए दिन देश के किसी न किसी कोने से धमाके की खबरें आ रही है। यहां तक आतंकी संगठनों ने खुलेआम यह चेतावनी भी दी है कि चुनाव को लेकर कोई भी राजनीतिक पार्टियां बड़ी रैली और जलसे जैसे कार्यक्रम का आयोजन न करें।
अनवर-उल-हक काकर पाकिस्तान के कार्यवाहक PM
बता दें कि शहबाज शरीफ ने आम चुनावों से पहले ही प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और इसी के साथ 9 अगस्त 2023 को पाकिस्तान की संसद भंग हो गई थी। अभी अनवर-उल-हक काकर पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में सरकार चला रहे हैं। 12 अगस्त को अनवर-उल-हक को कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया था। खबरें ऐसी भी आ रही है कि पाकिस्तान सरकार फिलहाल देश में चुनाव नहीं चाहती है। इसकी वजह पूर्व पीएम इमरान खान की बढ़ती लोकप्रियता को भी माना जा रहा है।
‘इमरान खान की लोकप्रियता का डर’
शहबाज शरीफ को कहीं न कहीं डर सत्ता रहा है कि जिस तरह इमरान की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है वो चुनाव के बाद दोबारा से सत्ता में वापसी कर सकते हैं। ऐसे में वो चुनाव को टालने की मूड में हैं। पाकिस्तान की सरकार आम जनता को भी यह समझाने की कोशिश में जुटी है कि फिलहाल देश में ऐसे हालत नहीं है कि चुनाव कराएं जाए। हार्थिक हालात का हवाला देकर सरकार पहले भी चुनाव की तारीखों को आगे बढ़ाने की बात कह चुकी है।
शहबाज शरीफ के खिलाफ आम जनता में रोष
आम जनता में शहबाज शरीफ के खिलाफ काफी रोष है। उनके शासन में देश में आर्थिक हालत जो बिगड़े वो अब तक संभल नहीं पाई है। पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच गई है। पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं। महंगाई समते कई मुद्दों को लेकर आम जनता में सरकार के खिलाफ गुस्सा है वो देश में परिवर्तन चाहते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि शहबाज शरीफ को यह डर भी सता रहा है कि अगर देश में चुनाव हुए तो इमरान की वापसी संभव है। यही वजह की वर्तमान सरकार देश में फिलहाल चुनाव को टालना चाहती है।
‘सरकार और सेना की साजिश की चर्चा’
देश में लगातार हो रहे धमाकों पर अब खुफिया सूत्रों ने दावा किया है कि चुनाव की तारीख टालने के लिए सेना कुछ आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर इस तरह की घटना की साजिश रच रही है। सेना और सरकार दोनों की कोशिश है कि देश में हालात कुछ ऐसे हो जाएं कि चुनाव को फिलहाल टाल दिए जाए। हालांकि,इसकी कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं है। मगर इन सब की पीछे निर्दोष पाकिस्तानियों की जान जा रही है।