गैंगरेप के मामलों में गवाहों की गवाही अजब-गजब
गोरखपुर। एक महिला ने वर्ष 2016 में गोरखनाथ थाने में एक रेलकर्मी के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया। गोरखनाथ पुलिस मामले की जांच कर ही रही थी कि उसी नाम-पते की महिला ने 2019 में राजघाट थाने में 4 लोगों पर गैंगरेप का केस दर्ज करा दिया। इन दोनों मामलों में पीड़िता एक ही लेकिन गवाही बदल गई। यही गवाह 2019 के केस में गवाही दी कि वह एक पीड़िता मिली, जिसे वह पहचान नहीं पाई। जिस गवाह ने 2016 में महिला को अपना किराएदार बताया उसने 2019 के केस में पहचानने से इंकार कर दिया।
पहले महिला,फिर बहन ने दर्ज कराया दुष्कर्म का केस
राजघाट और गोरखनाथ में दुष्कर्म का केस दर्ज कराने वाली महिला की बहन के साथ 2018 में खजनी क्षेत्र में रेप का मामला आया। खजनी पुलिस ने तीन लोगों पर दुष्कर्म का केस दर्ज किया। इस मामले में आरोपित जेल भी भेजे गए। एक युवक ने विरोध किया तो उसके परिचित पर गीडा थाने में सामूहिक दुष्कर्म का केस 2021 में दर्ज करा दिया गया।
महिला 2016 के दौरान ही कैंपियरगंज थाने में तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का केस तीन लोगों पर दर्ज कराया। मामले में आरोपित पहले जेल भेजे गए, फिर पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की। अफसरों के आदेश पर हुई जांच में पुलिस ने पाया कि मामला फर्जी है। विवेचक ने फाइल रिपोर्ट लगा दी। महिला ने फिर विवेचक रहे दरोगा पर ही लूट, बलवा, धमकी देने का केस दर्ज करा दिया।
रेप और गैंगरेप जैसे जघन्य आपराधिक मामलों में आरोपितों पर पुलिस किसी भी सूरत में नरमी नहीं बरतना चाहती है। यही वजह है कि रेप-गैंगरेप और पाक्सो एक्ट के मामलों में पुलिस ताबड़तोड़ छापे डालकर न केवल आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल पहुंचा रही है, बल्कि मामलों में तय समय सीमा के भी चार्जशीट भी दाखिल कर दे रही है। पर जिले की पुलिस रेप-गैंगरेप के कुछ मामलों को लेकर पशोपेश में भी आ जा रही है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि मामलों में गवाहों की गवाही अजब-गजब आ रही है। पीड़िता एक और गवाह भी एक ही। रेप की घटनाएं दो। एक मामले में गवाह पीड़िता को किराएदार बता रही है दूसरे में पहचानने से इनकार कर जा रही है। पुलिस यह समझ नहीं पा रही है कि गवाह का कौन सा बयान सच है।
रेप के मामले में 84 दिनों तक जेल में बंद रहने और फिर मामले से बरी होने वाले एक व्यक्ति ने आईजीआरएस पर शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत में उसने चौंकाने वाली जानकारियां दीं। उसने आरोप लगाया कि गैंगरेप का झूठा मुकदमा दर्ज कराकर कुछ लोग निरीह है और कमजोर ही नहीं धनाड्य परिवारों के युवकों से धनउगाही कर रहे हैं। उसने मामले की जांच कर इस तरह के कृत्य में लिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
गोरखपुर पुलिस ने इस शिकायत को संज्ञान लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक गिरोह की एक सदस्य ने गोरखनाथ थाने में रेलवे कर्मचारी के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। इसके बाद इसी महिला की बहन ने खजनी थाने में तीन लोगों पर दुष्कर्म का केस दर्ज करा दिया है। गिरोह की एक अन्य महिला ने गीडा थाने में चार लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का केस कराया। इसी महिला ने खोराबार में दुष्कर्म का एक और केस दर्ज कराया है। बताया जा रहा है कि गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने के बाद मामला कोर्ट में जाता है। फिर पीड़ित किसी तरह से महिला को मैनेज करने के लिए संपर्क करता है। इसके बाद दुष्कर्म के आरोपितों से मनमानी धनराशि वसूली जाती है।
नाबालिग से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक पर केस कराया : एक महिला ने तो नाबालिग से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग पर छेड़खानी, दुष्कर्म और अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है। इस महिला से पीड़ित लोगों ने एसएसपी से मिलकर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद मामले की जांच बेलघाट पुलिस
सफलता नहीं मिली तो लूट,बलवा केस
महिला ने कैंपियरगंज थाने में तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया और फिर जांच में विवेचक ने मामले को फर्जी पाया तो उसने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। न्याय देने की कोशिश करने वाले दरोगा भी मुकदमे में फंस गए। उसी महिला ने कैंपियरगंज थाने में विवेचक रहे दरोगा पर लूट, बलवा और धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज करा दी।