केजरीवाल मामले पर ‘बड़ी अम्मा’ बन रहा था जर्मनी,भारत ने लगा दी क्लास
नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। इसी कड़ी में जर्मनी ने भारत के इस आंतरिक मामले में टिप्पणी कर दी है। हालांकि ऐसा करके वह बुरी तरह से फंस गया है और भारत ने तत्काल उसके प्रतिनिधि को तलब करके कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हुआ यह कि जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेबस्टियन फिशर ने अरविंद केजरीवाल मामले पर विवादित बयान दे दिया। एक सवाल के जवाब में जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कह दिया कि हमने मामले का संज्ञान लिया है।
वे यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कह दिया कि हम मानते हैं कि एक लोकतांत्रिक देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानक इस मामले में भी लागू होंगे।
‘केजरीवाल भी निष्पक्ष सुनवाई के हकदार’
उन्होंने कहा कि आरोपों का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति की तरह, केजरीवाल भी निष्पक्ष सुनवाई के हकदार हैं, इसमें बिना किसी प्रतिबंध के सभी उपलब्ध कानूनी रास्ते का उपयोग करना शामिल है। जर्मन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सेबस्टियन फिशर के इस बयान पर बवाल मच गया। सोशल मीडिया पर जर्मनी की आलोचना होने लगी कि भारत के आंतरिक मामले में जर्मनी क्यों बड़ी अम्मा बन रहा है।
‘आंतरिक मामलों में जबरन हस्तेक्षप’
इसके बाद फिर भारत ने तत्काल आपत्ति जताई और भारत ने ‘आंतरिक मामलों में जबरन हस्तेक्षप’ बताया। मामले में भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से शनिवार को उन्हें तलब भी किया गया। इतना ही नहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने जर्मन एंबेसी मिशन के उप प्रमुख जॉर्ज एनजवीलर को अपना आधिकारिक विरोध दर्ज करने के लिए भी बुला लिया। वे शनिवार सुबह के वक्त साउथ ब्लॉक स्थित विदेश मंत्रालय कार्यालय से बाहर आते हुए नजर आए।