चीन की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप,संसद से बर्खास्त
नई दिल्ली। साल 2020 में जब कोरोना चरम पर था तब पहली इनएक्टिवेटेड कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाले चीन के एक टॉप साइंटिस्ट को संसद से भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण बर्खास्त कर दिया गया है। चीन नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप के चेयरमैन यांग श्याओमिंग पर कानून के उल्लंघन और करप्शन के आरोप लगाए गए हैं। इसी के साथ यांग की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) की मेंबरशिप भी खत्म हो गई है। यांग श्याओमिंग एक नामी रिसर्चर हैं, जो सीएनबीजी की कमान संभाल चुके हैं। यह सरकारी कंपनी सिनोफार्म की वैक्सीन सब्सिडियरी है। उन्होंने सिनोफार्म BBIBP-CorV वैक्सीन की एक टीम की अगुआई की थी, जिसने चीन की पहली कोरोना वैक्सीन बनाई थी।
वुहान में आया था पहला केस
मार्च 2020 में पहली बार चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का मामला सामने आया था, जो धीरे-धीरे पूरे विश्व में फैल गया और लाखों लोगों की मौत हो गई। एनसीपी के मुताबिक, यांग की पहले से ही पार्टी की अनुशासनात्मक संस्था केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग जांच कर रहा है। सिनोफार्म शॉट और सिनोवैक बायोटेक की कोरोनावैक कोरोना के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल की कई वैक्सीन थी और इनको काफी तादाद में चीन से बाहर एक्सपोर्ट भी किया गया था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ शी ने छेड़ी है जंग
दरअसल पिछले कुछ वर्षों में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार को खत्म करने का ऐलान किया है। इसके लिए उन्होंने एंटी करप्शन ड्राइव शुरू की है। इसकी जद में देश का हेल्थकेयर सिस्टम भी आया है, जिस पर काफी करारा प्रहार हुआ है। अब इसी कड़ी में यांग को भी बर्खास्त कर दिया गया है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक, इस एंटी करप्शन ड्राइव का मकसद है कि सिस्टम में भ्रष्टाचार के कारण जो घूसखोरी फैली हुई है, उस पर लगाम लगाई जा सके। इसमें हॉस्पिटल, दवाई कंपनियां, इंश्योरेंस फंड्स और दर्जनों अस्पतालों के हेड्स शामिल हैं, जिनको पिछले साल हिरासत में लिया गया था।
कई अन्य के खिलाफ चल रही जांच
सिनोफॉर्म के सीनियर एग्जीक्यूटिव रहे जोउ बिन के खिलाफ सीसीडीआई ने जनवरी में जांच शुरू की थी। चीन के 863 नेशनल प्रोग्राम और प्रशासनिक मंच सरकारी फंड से चलते हैं ताकि एडवांस टेक्नोलॉजी बनाई जा सके
यांग और उनकी टीम की बनाई कोविड-19 वैक्सीन को दिसंबर 2020 में सामान्य इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी। यांग महामारी से लड़ने में अपनी भूमिका के लिए सितंबर 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वालों में से थे और बाद में उन्हें चाइनीज सोसाइटी ऑफ इम्यूनोलॉजी ने टॉप स्कॉलर के रूप में मान्यता दी गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्हें हो लेउंग हो ली फाउंडेशन पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है, जो साइंस और मेडिकल फील्ड में चीन के विद्वानों को मान्यता देता है।