शहर में गुरु पूर्णिमा पर लगा रहा मठ, मन्दिर,आश्रम सहित अन्य स्थलों पर शिष्यों एवं श्रद्धालुओं का तांता

शहर में गुरु पूर्णिमा पर लगा रहा मठ, मन्दिर,आश्रम सहित अन्य स्थलों पर शिष्यों एवं श्रद्धालुओं का तांता

वाराणसी। सोनारपुरा केदारघाट स्थित विद्यामठ परिसर में गुरुपूर्णिमा पर ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के छायाचित्र के समक्ष वैदिक आचार्यों समेत अन्य ने सर्वप्रथम गुरु व्यास पूजन किया। जिसके बाद शंकराचार्य महाराज के चरण पादुका का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन एवं छायाचित्र की आरती उतारी गई। इस पूजन स्थल पर ब्रम्हलीन जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का व ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का छायाचित्र लगाकर उसको पुष्पों से आच्छादित कर फल,मिष्ठान व नैवेद्य अर्पित किया गया। 

अखरी बाईपास स्थित एक होटल परिसर में गुरुपूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित समारोह में सैकड़ों भक्तों ने पीठाधीश्वर चंद्रमौली किंकर के दर्शन, पूजन और भजन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। इस दौरान प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ को पीठाधीश्वर ने पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। जिसमें मंत्री ने कहा कि “गुरु बिन ज्ञान न होहि” भारतीय संस्कृति की मूल आत्मा है।

 ककरमत्ता पटिया मार्ग स्थित मां अष्टादशभुजा दुर्गा मंदिर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें शिव शक्ति धाम पाटिया में गुरुदेव पद्मश्री माहामहोपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट आचार्य डॉ. हरिहर कृपालु त्रिपाठी ने गुरु पूर्णिमा पर सभी देशवासियों मनुष्यों को जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण का संदेश भक्तों को दिया और 100 अनन्य भक्तों को पौधे प्रसाद रूप में प्रदान किया।

गड़वाघाट स्थित संतमत अनुयायी आश्रम मठ में गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का दीदार एवं आशीवार्द लेने के शिष्यों की भीड़ उमड़ी रही। जिसमें मठ के पीठाधीश्वर श्री श्री 108 स्वामी सरनानन्द महाराज ने गुरू महोत्सव का शुभारम्भ आश्रम के पूर्व पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 स्वामी आत्मविवेकानन्द परमहंस से लेकर श्री श्री 1008 स्वामी हरशंकरानन्द परमहंस तक क्रमशः सभी पीठाधीश्वरों की समाधियों में विधिवत् पूजन-अर्चन व आरती उतारी। उसके बाद गुरू परम्परा के अनुसार वर्तमान पीठाधीश्वर को सुसज्जित आसन ग्रहण कराकर, संत, भक्त और शिष्यों ने पूजन-अर्चन व आरती किया। इस दौरान शिष्यों का तांता लगा रहा।

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अन्नपूर्णा मठ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही। जिसमें विधिविधान से महंत शंकर पूरी ने अपने गुरु कपिलमुनि की आराधना कर आरती उतारी। जहाँ भक्तों ने अपने गुरु महन्त को माला-फूल अर्पित कर भोग लगाया एवं पूजन-अर्चना करते हुए गुरु का आशीर्वाद लिया। वही बटुकों ने भी मंत्रोच्चार के साथ गुरु की आराधना की और आशीर्वाद लिया।

दुर्गाकुण्ड स्थित धर्मसम्राट स्वामी करपात्री महाराज की तपोस्थली धर्मसंघ में शिष्यों एवं भक्तों की भीड़ रही। जिसमें धर्मसंघ पीठाधीश्वर स्वामी शंकरदेव चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज ने भक्तो को आशीष दिया। उन्होंने सर्वप्रथम व्यास पूजन,धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज की प्रतिमा का पूजन अर्चन करते हुए ब्रह्मलीन लक्ष्मण देव चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज की प्रतिमा का पूजन अर्चन किया। इसके बाद गुरु पूजन कार्यक्रम शुरू हुआ।

रविन्द्रपुरी स्थित अघोरपीठ, ‘बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुण्ड’ में गुरू पूर्णिमा पर अपने गुरु का दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतार लगी रही। जिसमें परिसर में शिव स्वरुप बाबा कीनाराम सहित अनेकों औघड़/अघोरियों की समाधियों एवं औघड़ तख़्त पर विराजमान पीठ के वर्तमान पीठाधीश्वर अघोराचार्य महाराज बाबा सिद्धार्थ गौतम राम का दर्शन पूजन करने के लिए भक्तों की कतारे लगी रही।

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