सावन में चढ़ा फूलों का भाव, शिवभक्तों की आस्था पर महंगाई की मार
वाराणसी(जनवार्ता)। सावन के पावन महीने में शिवभक्तों की श्रद्धा जहां चरम पर है, वहीं बाबा भोलेनाथ को चढ़ाए जाने वाले फूलों और पूजन सामग्री की कीमतों ने भक्तों की जेब पर असर डालना शुरू कर दिया है। लगातार हो रही बारिश और फूलों की आपूर्ति में आई बाधा के चलते इस बार फूलों की कीमतें तीन से चार गुना तक बढ़ गई हैं। महादेव की नगरी काशी में गेंदा, जयमाल, बेला, गुलाब, कमल और मदार जैसे फूलों की मांग हर साल सावन में बहुत अधिक रहती है, लेकिन इस बार बाजार में फूलों की भारी कमी देखी जा रही है। बैरवन, मिल्कीचक, पंचक्रोशी, मथुरापुर जैसे ग्रामीण इलाकों से फूलों की आमद घट गई है। इसके पीछे प्रमुख वजह लगातार हो रही बारिश है, जिससे खेतों में फूल खराब हो गए हैं। वहीं, बाहर से आने वाले फूलों की आपूर्ति पर भी असर पड़ा है।
स्थानीय बाजारों में फूलों की भारी मांग के कारण जयमाल की एक जोड़ी माला, जो सामान्य दिनों में लगभग 100 रुपये में मिलती थी, अब 200 रुपये में बिक रही है। वहीं गेंदा की माला, जो सावन के पूजन में सबसे अधिक उपयोग की जाती है, उसकी कीमतें 5,000 से 6,000 रुपये प्रति सैकड़ा तक पहुंच गई हैं। छोटी गेंदा माला भी 1,800 से 2,000 रुपये प्रति सैकड़ा के भाव पर बिक रही है। नीले फूल की कीमत 1,500 रुपये प्रति सैकड़ा और बेलपत्र 100 रुपये किलो तक जा पहुंचा है। यही नहीं, मदार की माला भी इस बार 500 से 600 रुपये प्रति सैकड़ा और धतूरा 50 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है।
फूल व्यापारियों का कहना है कि इस बार डिमांड तो बहुत ज्यादा है लेकिन माल बेहद कम है। ऐसे में अच्छा-बुरा हर तरह का फूल जमकर बिक रहा है। फूलों और पूजन सामग्री की बढ़ती कीमतों ने श्रद्धालुओं को चिंता में डाल दिया है। शिवभक्तों को अब भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए अपनी श्रद्धा के साथ-साथ जेब भी पहले से कहीं अधिक ढीली करनी पड़ रही है।