गंगा के पलट प्रवाह से वरूणा उफान पर
बस्तियों में घुसा पानी, लोगों का पलायन शुरू
वाराणसी (जनवार्ता)। गंगा के बढ़ते जलस्तर ने अब वरूणा नदी को भी उफान पर ला दिया है। पलट प्रवाह के कारण वरूणा का पानी तटवर्ती बस्तियों में घुसने लगा है, जिससे वाराणसी के कई इलाकों में जनजीवन प्रभावित हो गया है। घरों में पानी भरने से लोग जरूरी सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन को मजबूर हैं।स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर वर्ष बाढ़ का यह संकट झेलना उनकी नियति बन चुका है, लेकिन इस बार हालात ज्यादा खराब हैं। बाढ़ ने बच्चों की पढ़ाई, बुजुर्गों की देखभाल और खानपान की व्यवस्था तक को बुरी तरह प्रभावित किया है।
जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत कार्यों में तेजी लाई गई है। सलारपुर वार्ड नंबर-5 स्थित प्राथमिक विद्यालय को राहत शिविर के रूप में परिवर्तित किया गया है, जहां अब तक 36 लोगों को आश्रय दिया गया है। शिविर में प्रशासन की ओर से खाद्य सामग्री, पेयजल और अन्य जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अपने वाराणसी दौरे के दौरान सलारपुर बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण किया था।
उन्होंने प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री भी वितरित की। उनके दौरे से पहले जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार और अपर पुलिस आयुक्त शिवहरि मीणा ने राहत शिविरों और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए कि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति सहायता से वंचित न रहे।
राहत शिविर में शरण लिए एक महिला ने बताया, “घर में पानी भर चुका है। घर छोड़कर शिविर में आना पड़ा है।” वहीं, कुछ लोगों ने प्रशासनिक लापरवाही का आरोप भी लगाया है। ग्रामीणों का कहना है कि राहत वितरण में पारदर्शिता नहीं है और लेखपालों की मिलीभगत से वास्तविक पीड़ितों के बजाय अपात्र लोगों को राहत सामग्री दी जा रही है।प्रशासन ने इन आरोपों पर संज्ञान लेते हुए वितरण प्रक्रिया की निगरानी और तेज कर दी है। बाढ़ का कहर फिलहाल जारी है, लेकिन प्रशासन का दावा है कि हर पीड़ित तक राहत पहुंचाने की कोशिशें लगातार जारी हैं।