बरेका में दुकानों के किराये वृद्धि को लेकर फिर भड़का जनआक्रोश

बरेका में दुकानों के किराये वृद्धि को लेकर फिर भड़का जनआक्रोश

वाराणसी (जनवार्ता)। बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) में दुकानों के किराये में अत्यधिक वृद्धि को लेकर एक बार फिर भारी जनआक्रोश देखने को मिला। बीते दो वर्षों से लंबित किराया विवाद अब पुनः उग्र रूप लेता दिख रहा है। परिसर स्थित दुकानदारों और बरेका प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बन गई है, जिसे लेकर शनिवार को सेंट्रल मार्केट में व्यापार मंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

व्यापारियों का आरोप है कि बरेका प्रशासन तानाशाही रवैया अपनाते हुए बार-बार जनता को झूठे आश्वासन देकर गुमराह कर रहा है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में इस तरह के कदमों से सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हाल ही में पूर्वी गेट के पास रास्ते को लेकर हुए विवाद में RPF द्वारा आम नागरिकों पर किए गए लाठीचार्ज की घटना भी लोगों के मन में अब तक ताजा है, जिसमें कई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।

पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह औढ़े ने सुबह टहलने वालों से दुर्व्यवहार के मामले में भी संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन से शिकायत कर हस्तक्षेप कराया था। वहीं, कुछ वर्ष पूर्व पेंशनभोगियों के लिए शुरू की गई सुविधा केंद्र को बिना किसी सूचना के बंद कर देना भी एक बड़ी नाराजगी का कारण बना हुआ है।

झूठे वादे, बढ़ा किराया और टूटा भरोसा

व्यापारियों ने बताया कि पहले चरण में लगभग 500 दुकानों का किराया कम किया गया था और शेष 200 दुकानों के किराये को द्वितीय चरण में कम करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन जब दुकानदारों ने संशोधित किराया बिल प्राप्त किया, तो उनमें भारी वृद्धि देखी गई। कुछ दुकानों का किराया 18,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये तक कर दिया गया, जिससे छोटे व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।

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दुकानदारों का कहना है कि उनकी आय परिसर में कार्यरत कर्मचारियों पर निर्भर है और अत्यधिक किराया देना संभव नहीं है। व्यापार मंडल बरेका की सचिव योगिता तिवारी, महामंत्री अखिलेश पाठक, उपाध्यक्ष राजनारायण सिंह और रितेश सिंह की अगुआई में सैकड़ों दुकानदारों ने एकजुट होकर प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

प्रधानमंत्री के आगमन से पहले बिगड़ते हालात

बैठक में निर्णय लिया गया कि आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी आगमन के दौरान इस प्रकरण को उनके संज्ञान में लाया जाएगा। व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।

दुकानदारों ने एक स्वर में कहा — “अब यह आर-पार की लड़ाई है, झूठे आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। हमें न्याय चाहिए, और हम इसके लिए अंत तक लड़ेंगे।”

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