मुस्लिम महिलाओं ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता पर प्रधानमंत्री मोदी को भेजी राखी
विरोधियों को दिया करारा जवाब
वाराणसी (जनवार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता से उत्साहित वाराणसी की मुस्लिम महिलाओं ने राखी भेजकर उन्हें अपना भाई माना और समर्थन जताया। मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में लमही स्थित सुभाष भवन में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं एकत्र हुईं। ढोलक की थाप पर देशभक्ति गीतों की गूंज के बीच उन्होंने स्वयं अपने हाथों से बनी राखियां प्रधानमंत्री को समर्पित कीं।
इन राखियों को टिक्की, सितारा, गोटा और किरण जैसे पारंपरिक सजावटी वस्तुओं से सजाया गया था। कुछ राखियों में ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के प्रतीक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चित्र भी अंकित थे। ये राखियां न केवल प्रधानमंत्री को भेजी गईं, बल्कि रक्षाबंधन के दिन महिलाएं एक-दूसरे को भी यह राखी बांधेंगी। कार्यक्रम में हिंदू महिलाएं भी सिन्दूर लगाकर शामिल हुईं और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया।
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाज़नीन अंसारी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ ने पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया और बहन-बेटियों के सिन्दूर की रक्षा की गई। उनके अनुसार, सिन्दूर केवल श्रृंगार की वस्तु नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और आत्मसम्मान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इस परंपरा की रक्षा कर यह साबित किया कि वे हर हाल में बहनों की लाज बचाने के लिए तत्पर हैं।
नाज़नीन अंसारी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ का विरोध करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए इसे राष्ट्रविरोधी गतिविधि करार दिया। उन्होंने कहा कि सेना की गोपनीय बातों पर सवाल उठाना दुश्मनों को लाभ पहुंचाने के समान है। ऐसे लोग ना केवल देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि पाकिस्तान के इरादों को भी बल दे रहे हैं।
महिलाओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह राखी सिर्फ रक्षाबंधन का प्रतीक नहीं, बल्कि उनके दिल से जुड़े रिनश्ते और एक राजनीतिक-सांस्कृतिक समर्थन का प्रतीक है। उन्होंने मोदी विरोधियों को सन्देश दिया कि चाहे राजनीति में कितना भी विरोध हो, वे मोदी के साथ खड़ी हैं और रहेंगी।