गंगा ने दिखाए डरावने तेवर
1978 जैसी भीषण बाढ़ की आशंका
वाराणसी (जनवार्ता) । गंगा नदी का रौद्र रूप एक बार फिर बनारसवासियों को चिंता में डाल रहा है। शुक्रवार को केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में गंगा का जलस्तर 69.92 मीटर तक पहुँच गया है और यह लगातार प्रति घंटा 4 सेंटीमीटर की दर से बढ़ रहा है। यह स्थिति बेहद गंभीर मानी जा रही है क्योंकि चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर अब ज्यादा दूर नहीं हैं।
लगातार हो रही पहाड़ी बारिश और सहायक नदियों में बढ़ते जलप्रवाह के कारण गंगा और वरुणा दोनों ही नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही रफ्तार बनी रही तो जलस्तर 1978 के रिकॉर्ड 73.901 मीटर तक पहुँच सकता है। उल्लेखनीय है कि 1978 में आई बाढ़ ने वाराणसी सहित पूर्वांचल के कई इलाकों में भारी तबाही मचाई थी।
इस स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की तैयारियाँ तेज कर दी हैं। गंगा और वरुणा किनारे बसे निचले इलाकों—नगवा, अस्सी, आदमपुर, सरैया, रमना, राजघाट आदि में अलर्ट जारी कर दिया गया है। तटवर्ती बस्तियों में मुनादी कर लोगों को सतर्क किया जा रहा है और बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को संयुक्त रूप से संभावित प्रभावित इलाकों में राहत शिविरों की तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। वहीं नाविकों और स्थानीय स्वयंसेवकों को भी अलर्ट पर रखा गया है ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत मदद पहुँचाई जा सके।
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे नदी किनारे अनावश्यक रूप से न जाएं और किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें। जलस्तर पर लगातार हर आधे घंटे पर निगरानी की जा रही है और आवश्यकता पड़ने पर अस्थायी पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्था की जाएगी।
फिलहाल गंगा का जलस्तर 69.92 मीटर दर्ज किया गया है। चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है, जबकि 1978 में जलस्तर 73.901 मीटर तक पहुँचा था। गंगा की जलधारा हर घंटे 4 सेंटीमीटर की दर से बढ़ रही है, जो आने वाले 48 से 72 घंटे को बेहद संवेदनशील बना रही है।