बकरी पालन से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम
कृषि विज्ञान केंद्र में युवाओं को दिया गया रोजगारपरक प्रशिक्षण
वाराणसी (जनवार्ता)। मिर्जामुराद के कल्लीपुर में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में सोमवार से पांच दिवसीय रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न विकासखंडों से आए दर्जनों किसानों और युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बकरी पालन के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना और उन्हें इस क्षेत्र में व्यावसायिक दक्षता प्रदान करना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नवीन कुमार सिंह ने बताया कि “बकरी पालन न सिर्फ एक परंपरागत व्यवसाय है, बल्कि आज यह एक लघु निवेश में उच्च लाभ देने वाला उद्यम बन चुका है। सही प्रशिक्षण और वैज्ञानिक पद्धति से बकरी पालन कर युवा आत्मनिर्भर बन सकते हैं और अपनी आय में कई गुना बढ़ोतरी कर सकते हैं।”
कार्यक्रम में पशुपालन वैज्ञानिक श्रीमती पूजा सिंह ने भारत में बकरी पालन का वर्तमान परिदृश्य, बकरियों की प्रमुख नस्लें, प्रजनन प्रबंधन, पोषण, रखरखाव, आवास व्यवस्था तथा मूल्य संवर्धन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि बकरी पालन ग्रामीण क्षेत्रों में खासतौर पर महिला सशक्तिकरण और पारिवारिक आय बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम है।
वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक श्री प्रकाश सिंह ने बकरी पालन में निहित रोजगार के अवसरों और व्यवसायिक संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “आज के समय में बकरी पालन सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि एक लाभकारी व्यवसाय मॉडल बन चुका है, जिसे अपनाकर किसान और बेरोजगार युवा अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं।”
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रतिभागियों को व्यावसायिक बकरी पालन का समग्र दृष्टिकोण मिला, साथ ही यह भी बताया गया कि इस कार्य को करते समय किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि अधिकतम लाभ और न्यूनतम जोखिम सुनिश्चित किया जा सके।
कृषि विज्ञान केंद्र की यह पहल क्षेत्रीय युवाओं व किसानों को न केवल जागरूक कर रही है, बल्कि स्वरोजगार की दिशा में सशक्त बनाने का कार्य भी कर रही है, जिससे आने वाले समय में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।