वाराणसी: कोर्ट ने स्वामी प्रसाद मौर्या पर मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश
वाराणसी (जनवार्ता)। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या की कानूनी परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। विवादित बयानों के चलते एक बार फिर वह सुर्खियों में आ गए हैं। गुरुवार को वाराणसी की विशेष MP/MLA अदालत ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी किया है।
दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्या ने वर्ष 2023 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गोस्वामी तुलसीदास और रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। कई जगहों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए स्याही फेंकी गई और हमले के प्रयास भी किए गए।
इन घटनाओं के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता अशोक कुमार ने वाराणसी की MP/MLA कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मौर्या के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने और सनातन धर्म को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।
कैंट थाने में दर्ज होगा मुकदमा, धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप
MP/MLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यजुवेंद्र विक्रम सिंह ने कई सुनवाईयों के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया और कैंट थाना वाराणसी में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता अशोक कुमार के अधिवक्ता ने बताया कि मौर्या ने 22 या 23 जनवरी 2023 को एक इंटरव्यू के दौरान विवादास्पद बयान दिया था। इस पर 24 जनवरी 2023 को वाराणसी के पुलिस कमिश्नर कार्यालय में शिकायत की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद मामला एसीजेएम प्रथम/MP-MLA कोर्ट में गया, जहां 17 अक्टूबर 2023 को प्रार्थना पत्र खारिज हो गया। याचिकाकर्ता ने इसे जिला न्यायालय में आपराधिक रिवीजन के रूप में प्रस्तुत किया, जो स्थानांतरित होकर विशेष MP/MLA अदालत में पहुंचा। कोर्ट में स्वामी प्रसाद मौर्या की ओर से लिखित आपत्ति भी दाखिल की गई थी, जिसे सुनवाई के बाद खारिज कर दिया गया।
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