बैंक अधिकारी बनकर ठगों ने निकाले 45 हजार
17 दिन बाद खुला राज
वाराणसी (जनवार्ता)। भेलूपुर थाना क्षेत्र के रानीपुर इलाके में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक जालसाज ने खुद को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के क्रेडिट कार्ड विभाग का अधिकारी बताकर रानीपुर निवासी एक युवक से 45 हजार रुपये की ठगी कर ली। हैरानी की बात यह रही कि घटना का पता पीड़ित को 17 दिन बाद चला, जिसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला
रानीपुर निवासी नवनीत कुमार के मोबाइल पर 2 अगस्त को एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को एसबीआई के क्रेडिट कार्ड विभाग का अधिकारी बताया और कहा कि उनके कार्ड पर एक इंश्योरेंस प्लान सक्रिय है। यदि इसे समय पर बंद नहीं कराया गया तो हर महीने 4000 रुपये अतिरिक्त कटेंगे। ठग ने बड़ी चालाकी से प्लान बंद कराने की प्रक्रिया समझाते हुए उनके क्रेडिट कार्ड की पूरी जानकारी हासिल कर ली।
कुछ ही मिनटों बाद नवनीत के खाते से “स्क्रीनकप सॉफ्टवेयर, नई दिल्ली” के नाम से 45,000 रुपये डेबिट हो गए। नवनीत को इस लेनदेन की जानकारी उसी समय नहीं हो सकी। अगली सुबह जब उन्होंने बैलेंस चेक किया तो ठगी का पूरा मामला सामने आया।
घबराए युवक ने कराया कार्ड ब्लॉक
घटना की जानकारी मिलते ही नवनीत ने तुरंत क्रेडिट कार्ड सहायता केंद्र से संपर्क कर कार्ड को ब्लॉक कराया। इसके बाद उन्होंने भेलूपुर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात जालसाज के खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
CCTV और कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस
थानाध्यक्ष सुधीर कुमार त्रिपाठी ने बताया कि साइबर ठग अक्सर खुद को बैंक कर्मी बताकर लोगों से ओटीपी, कार्ड नंबर और अन्य संवेदनशील जानकारी हासिल कर लेते हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी अज्ञात कॉल पर अपना बैंक विवरण साझा न करें।
पुलिस की साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है और कॉल डिटेल्स तथा भुगतान प्लेटफॉर्म की जानकारी जुटाई जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह फर्जी लेन-देन दिल्ली से किया गया था। जरूरत पड़ने पर दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियों की सहायता ली जाएगी।