भ्रष्टाचार के आरोपों पर सेंट्रल बार का ज्ञापन, 10 दिन में सुधार नहीं तो न्यायालय बहिष्कार
वाराणसी(जनवार्ता)।
सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी ने जिला जज को ज्ञापन सौंपकर अवर न्यायालयों में हो रही कथित अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाया है। बार एसोसिएशन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि **10 दिनों के भीतर ठोस न्यायिक सुधार** नहीं किए गए तो चिन्हित न्यायालयों का अधिवक्ता समाज बहिष्कार करेगा।
### क्या हैं आरोप?
ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि सिविल और सत्र न्यायालयों में कार्यरत कुछ न्यायिक अधिकारी और उनके कर्मचारी—
* अनियमित कार्यप्रणाली अपनाते हैं,
* अधिवक्ताओं और वादकारियों से अनुचित व्यवहार करते हैं,
* सुनवाई से पूर्व सीट दर्ज नहीं करते,
* अनावश्यक रूप से तारीखें बढ़ाते हैं,
* और पत्रावलियों में आवश्यक दस्तावेजों की कमी रखते हैं।
सेंट्रल बार के पदाधिकारियों का कहना है कि कई अधिकारी **समय का पालन नहीं करते** और अदालत में देर से पहुंचते हैं, जिससे न्यायिक कार्य प्रभावित होता है।
### अधिवक्ता समाज का रुख
अधिवक्ताओं का कहना है कि यह स्थिति न केवल न्यायिक प्रक्रिया को बाधित करती है बल्कि न्याय के प्रति लोगों के भरोसे को भी कमजोर करती है। यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो चिन्हित अदालतों का बहिष्कार कर अधिवक्ता आंदोलन को मजबूर होंगे।
### बड़ा असर क्यों?
वाराणसी जैसे बड़े न्यायिक केंद्र में यदि अधिवक्ता समाज बहिष्कार करता है, तो हज़ारों मुकदमों की सुनवाई प्रभावित हो सकती है। वादकारी पक्षों को न्याय मिलने में देरी होगी और इससे न्यायपालिका की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े होंगे।
### आगे क्या?
अब सबकी नज़र जिला जज और उच्च न्यायिक प्रशासन पर है कि वे अधिवक्ताओं की शिकायतों पर किस तरह की कार्रवाई करते हैं। यदि जल्द ठोस सुधार नहीं हुए, तो यह विवाद न्यायपालिका और अधिवक्ता समाज के बीच टकराव का रूप ले सकता है।