बाबा बागेश्वर ने काशी में भगवाधारियों के राजनीति में प्रवेश का समर्थन
वाराणसी (जनवार्ता): बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें बाबा बागेश्वर के नाम से जाना जाता है, शनिवार को वाराणसी पहुंचे। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन किया, जहां उनके साथ संतोष दास सतुआ बाबा भी मौजूद रहे। मंदिर दर्शन के बाद वे सतुआ बाबा आश्रम गए, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु उनकी एक झलक पाने को उत्साहित दिखे।
पत्रकारों से बातचीत में पं. धीरेंद्र शास्त्री ने नेपाल और बांग्लादेश में हाल की घटनाओं पर चिंता जताई और भारत में हिंदू एकता की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत को नेपाल और बांग्लादेश की घटनाओं से सबक लेना चाहिए। हिंदू एकता आज की सबसे बड़ी जरूरत है। भारत को घोषित रूप से हिंदू राष्ट्र बनाना अनिवार्य है।” उन्होंने हिंदुत्व को मानवता की विचारधारा बताते हुए विश्व शांति के लिए हिंदू राष्ट्र को एकमात्र रास्ता करार दिया।
शास्त्री ने 7 से 16 नवंबर तक प्रस्तावित पदयात्रा की घोषणा की, जिसका उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को बल देना है।
भगवाधारियों की राजनीति में भूमिका
भगवाधारियों के राजनेता बनने के सवाल पर शास्त्री ने तीखा जवाब देते हुए कहा, “जब चोर, उचक्के और हत्यारे नेता बन सकते हैं, तो भगवाधारी क्यों नहीं?” उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करते हुए कहा, “मैं योगी बाबा का समर्थन करता हूं, वे बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। जिसे बुरा लगे, वह हमारी हवेली पर आए।”
पीएम की मां पर टिप्पणी की निंदा
.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणी पर शास्त्री ने कहा, “सभी माताएं पूजनीय हैं। किसी भी मां के लिए अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।”
बिहार यात्रा और सनातन धर्म
.
शास्त्री ने बताया कि वे बिहार के गया जा रहे हैं, जिसे उन्होंने अपना घर बताया। उन्होंने स्पष्ट किया, “मैं चुनाव के लिए नहीं, बल्कि पितृ तर्पण के लिए गया जा रहा हूं।” बीजेपी के समर्थन के सवाल पर उन्होंने कहा, “मैं सच्चा सनातनी हूं और सनातन धर्म की बात करता हूं, किसी पार्टी की नहीं।”