4 अगस्त तक ED की कस्टडी में राउत:एजेंसी ने अदालत ने 8 दिन कस्टडी मांगी थी

4 अगस्त तक ED की कस्टडी में राउत:एजेंसी ने अदालत ने 8 दिन कस्टडी मांगी थी
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मुंबई। पात्रा चॉल घोटाले में गिरफ्तार शिवसेना नेता संजय राउत को सोमवार को PMLA कोर्ट ने 4 अगस्त तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया। ED ने भी कोर्ट से इतने ही दिनों की रिमांड मांगी थी। ED ने अदालत में कहा कि हमने 3 बार समन भेजा, लेकिन राउत जानबूझकर पेश नहीं हुए। इस मामले से जुड़े सबूतों से भी छेड़छाड़ की गई है। हालांकि ईडी ने कोर्ट से 8 दिनों की कस्टडी मांगी थी।

उद्धव बोले- शिवसेना को मिटाने के लिए गिरफ्तारियों की साजिश
उद्धव ठाकरे ने संजय राउत की गिरफ्तारी को गलत बताया है। ठाकरे ने कहा कि मुझे संजय राउत पर गर्व है। आज सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को जेल भेजा जा रहा है। संविधान को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। उद्धव बोले- मुझे मरना मंजूर है,पर झुकना नहीं।

दगाबाजी करने वाले शिवसैनिक नहीं हो सकते
उद्धव ठाकरे ने कहा कि सत्ता के नशे में चूर लोग भूल गए हैं कि वक्त हमेशा बदलता रहता है, जब हमारा वक्त आएगा तब क्या होगा। बीजेपी के खिलाफ बोलने वालों को मिटाने की कोशिश की जा रही है। जो लोग मेरे साथ हैं, वो दगाबाजी नहीं कर सकते। मुझे मरना मंजूर है, लेकिन उनकी शरण में नहीं जाऊंगा, जो झुकने वाले थे वो हवा में चले गए।

कुछ देर पहले ही उद्धव ठाकरे राउत के घर परिवार से मिलने पहुंचे थे। इस बीच, राउत की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए कोर्ट परिसर में 200 पुलिसकर्मियों को लगाया है। ईडी ऑफिस के बाहर 100 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।

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देर रात 12 बजे हुई गिरफ्तारी
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में देर रात 12 बजे राउत को गिरफ्तार किया था। बुधवार को साढ़े छह घंटे की पूछताछ के बाद ED की ओर से यह एक्शन लिया गया। राउत रविवार शाम 5.30 बजे ED दफ्तर पहुंचे थे।

राउत की गिरफ्तारी के बाद उनके भाई सुनील राउत ने कहा कि गलत तरीके से उन्हें गिरफ्तार किया गया है। हमें गिरफ्तारी के संबंध में कोई कागज नहीं दिया गया है। भाजपा संजय राउत से डरती है, इसलिए गिरफ्तारी करवाई गई है।

गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
उधर, संजय राउत की गिरफ्तारी के विरोध में पुणे, पिंपरी चिंचवाड़, नागपुर और जलगांव में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया है। पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में कइयों को हिरासत में लिया गया है। वहीं उद्धव ठाकरे ने पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं की मातोश्री पर एक बैठक बुलाई है।

ED के अपर निदेशक सत्यव्रत कुमार ने रविवार को संजय राउत के अरेस्ट मेमो पर सिग्नेचर किया था। रविवार देर शाम सत्यव्रत कुमार दिल्ली से मुंबई आए और कुल 7 घंटों की पूछताछ की। इसमें आखिरी की 2 घंटे की पूछताछ में पत्रावाला चॉल के एफएसआई घोटाले से कमाई गई मनी ट्रेल के बारे में पूछा। राउत के घर से मिले साढ़े 11.5 लाख कैश, अलीबाग और दादर फ्लैट के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन और मामला सामने आने के बाद जो पैसे राउत ने लौटाए उसकी जानकारी मांगी।

सवालों पर बोले राउत- अभी याद नहीं
सूत्रों के मुताबिक रविवार की पूछताछ में राउत कुछ सवालों के जवाब में या तो ये बोले कि नही जानता या अभी याद नही, लेकिन जो जानकारी उन्होंने दी उससे भी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी सन्तुष्ट नहीं थे। ईडी ने जिन गवाहों के बयान लिए हैं और जो मनी ट्रेल के सबूत हैं उससे राउत का बयान मेल नही खा रहा था। इस वजह से उन्हें ईडी ऑफिस लाया गया और उनकी गिरफ्तारी की गई। कोर्ट में ईडी इन्हीं पॉइंट्स को आधार बना कर रिमांड मांगेगी।

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ED की कार्रवाई के बीच 2 बयान…

  1. उद्धव ठाकरे -यह सारी कारस्तानी सारी लाज शर्म छोड़कर निर्लज्जता से चली रही है। ये दमन शाही नीति है। हिंदुत्व को लेकर अगर किसी में बोलने की हिम्मत थी तो वो बालसाहेब ठाकरे ही एक मर्द थे।
  2. संजय राउत – मैं किसी घोटाले में शामिल नहीं हूं। ED ने गलत सूचना के आधार पर कार्रवाई की है। दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की सौगंध खाता हूं कि मेरा किसी घोटाले से कोई संबंध नहीं है। मैं मर जाऊंगा, लेकिन न सरेंडर करूंगा, न ही शिवसेना छोडूंगा। झुकूंगा नहीं।

राउत की 11 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है जब्त
यह केस मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है, जो महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में प्रवीण राउत की 9 करोड़ रुपए और संजय राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है।

आरोप है कि रियल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया। एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष MHADA और उक्त कंपनी को दिए जाने थे, लेकिन साल 2011 में इस विशाल भूखंड के कुछ हिस्सों को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था।

PMC बैंक घोटाले की जांच में उजागर हुआ मामला
2020 में महाराष्ट्र में सामने आए PMC बैंक घोटाले की जांच हो रही थी,तभी प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब पता चला कि बिल्डर की पत्नी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपए का कर्ज दिया गया था। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था।

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