विश्वकर्मा जयंती और PM मोदी का जन्मदिन सृजनशीलता और राष्ट्रनिर्माण का उत्सव : प्रो. बिहारी लाल
वाराणसी (जनवार्ता) । सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा ने विश्वकर्मा जयंती और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर सृजनशीलता, नवाचार और राष्ट्रनिर्माण की भावना को प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह संयोग अत्यंत प्रेरणादायी है, क्योंकि दोनों अवसर 17 सितंबर को मनाए जाते हैं और दोनों ही उत्कृष्टता, गुणवत्ता और विकास की भावना को दर्शाते हैं।
प्रो. शर्मा ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा, जो शास्त्रों में देवताओं के शिल्पी और चमत्कारिक निर्माणकर्ता के रूप में वर्णित हैं, हमें अपने कार्यक्षेत्र में सृजनात्मकता और नवाचार के लिए प्रेरित करते हैं। इस दिन औजारों, मशीनों और तकनीकी उपकरणों की पूजा का महत्व कार्यकुशलता और प्रभावशीलता को बढ़ाने में निहित है।
कुलपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की प्रगति को रेखांकित करते हुए “डिजिटल इंडिया”, “स्वच्छ भारत अभियान” और “आत्मनिर्भर भारत” जैसे कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण हमें अपने कौशल और प्रतिभा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की प्रेरणा देता है।”
उन्होंने विशेष रूप से प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई विश्वकर्मा योजना की चर्चा की, जो परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण, 15,000 रुपये का टूलकिट और 500 रुपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड प्रदान करती है। प्रो. शर्मा ने इसे कारीगरों के सृजनात्मक प्रयासों का सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।
कुलपति ने विश्वविद्यालय परिवार, संस्कृत समाज और सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस पावन अवसर पर अपने कार्यक्षेत्र में गुणवत्ता, दक्षता और नवाचार की भावना के साथ योगदान दें। उन्होंने जोर देकर कहा कि राष्ट्र का विकास प्रत्येक नागरिक के सामूहिक प्रयासों पर निर्भर है।
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय इस दिशा में परंपरा और आधुनिकता के समन्वय के साथ भावी पीढ़ियों को देशसेवा के लिए तैयार करने हेतु प्रतिबद्ध है। यह अवसर न केवल धार्मिक और राष्ट्रीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सृजनशीलता और कौशल विकास को बढ़ावा देने वाला प्रेरक संदेश भी देता है।