दुर्गा देवी मंत्रम: शक्ति, भक्ति और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का मार्ग

दुर्गा देवी मंत्रम: शक्ति, भक्ति और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का मार्ग

माता दुर्गा शक्ति और साहस की देवी हैं, जो अपने भक्तों को नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। Durga Devi Mantram उनका अद्भुत आध्यात्मिक उपकरण है। इस मंत्र का नियमित पाठ करने से मन, शरीर और आत्मा सभी में शक्ति और संतुलन आता है। इस लेख में हम जानेंगे कि दुर्गा देवी मंत्रम कैसे पढ़ें और इसके लाभ क्या हैं।

rajeshswari

Durga Devi Mantram

सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते॥

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते॥

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै॥

मंत्र जाप की विधि

  1. स्थान और समय चुनें: मंत्र जाप करने के लिए सुबह का समय सबसे शुभ माना जाता है। यदि सुबह संभव न हो, तो शाम का समय भी उपयुक्त है। स्थान शांत और स्वच्छ होना चाहिए, ताकि ध्यान भटकने न पाए।
  2. पूजा सामग्री तैयार करें: दीपक, अगरबत्ती, पुष्प और हल्का प्रसाद रखें। माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर सामने रखें। ये साधन भक्ति भाव को मजबूत करते हैं और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं।
  3. संकल्प और ध्यान: जप शुरू करने से पहले मन में भक्ति और श्रद्धा का संकल्प करें। माता दुर्गा के रूप का ध्यान करते हुए मंत्र का उच्चारण करें।
  4. जप की प्रक्रिया: दुर्गा देवी मंत्रम को कम से कम 108 बार उच्चारण करते हुए पढ़ें और उच्चारण स्पष्ट और सही होना चाहिए। ध्यान रखें कि मन पूरी तरह माता पर केंद्रित हो।
  5. समाप्ति और धन्यवाद: जप समाप्त होने के बाद माता दुर्गा का धन्यवाद करें और प्रणाम करें। यह चरण भक्ति को पूर्णता प्रदान करता है और पाठक को माता की कृपा का अनुभव कराता है।
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मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही होना आवश्यक है, ताकि इसकी ऊर्जा सही ढंग से सक्रिय हो सके।

इस मंत्र का जाप करने से होने वाले लाभ

  • मानसिक शांति: नियमित मंत्र जाप करने से मन शांत और स्थिर होता है। चिंता और तनाव कम होते हैं।
  • साहस और आत्मविश्वास: माता दुर्गा की शक्ति का अनुभव होने से भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा का संचार: मंत्र जाप से घर और आसपास का वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है।
  • सुरक्षा और रक्षात्मक शक्ति: मंत्र जीवन में नकारात्मक शक्तियों और संकटों से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: भक्ति भाव प्रगाढ़ होता है, जीवन में संतुलन और आध्यात्मिक शक्ति आती है।

माता दुर्गा का मंत्र जीवन में शक्ति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ Durga Devi Mantram का नियमित जाप करने से मानसिक शांति, साहस, सुरक्षा और आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव होता है। आप भी माता दुर्गा की कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें और उनके आशीर्वाद का अनुभव अपने जीवन में करें।

Shiv murti

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