बनारस में बिजली कर्मियों का निजीकरण के खिलाफ 296वें दिन भी जोरदार प्रदर्शन
वाराणसी (जनवार्ता) : विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश के बैनर तले पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन के 296वें दिन शुक्रवार को बनारस के बिजली कर्मियों ने प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किया।
वक्ताओं ने बताया कि 4-5 नवंबर को मुंबई में आयोजित होने वाली डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी मीट 2025 का मुख्य एजेंडा बिजली वितरण निगमों का निजीकरण है। इस मीट के आयोजक इंडियन स्मार्ट ग्रिड फोरम, जो एक निजी संस्था है, और मेजबान टाटा पावर व सह-मेजबान बीएसईएस राजधानी पावर व बीएसईएस यमुना पावर (रिलायंस समूह की कंपनियां) हैं। टाटा पावर के सीईओ ने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि उनकी कंपनी उत्तर प्रदेश के इन दोनों निगमों को खरीदने के लिए उत्सुक है।
संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि ऑल इंडिया डिस्कॉम एसोसिएशन, जिसके महासचिव उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल हैं, निजीकरण को बढ़ावा देने में निजी कंपनियों के साथ मिली हुई है। यह हितों के टकराव (कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट) का गंभीर मामला है। समिति ने बताया कि नवंबर 2024 में लखनऊ में हुई ऐसी ही एक मीट के बाद इन दोनों निगमों के निजीकरण की घोषणा की गई थी।
संघर्ष समिति ने महाराष्ट्र के बिजली कर्मियों से अपील की है कि वे मुंबई में होने वाली इस मीट का पुरजोर विरोध करें, क्योंकि उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में भी निजीकरण की प्रक्रिया तेज होने की आशंका है।
सभा को कृष्णलाल, सतवंत कुमार, अंकुर पाण्डेय, योगेश कुमार, मिथिलेश कुमार, जितेंद्र कुमार, विवेक कुमार, बंशीलाल, अजय श्रीवास्तव, अखिलेश कुमार, रंजीत पटेल, पूजा कुमारी, अलका कुमारी, मनोज यादव, प्रवीण कुमार, देवेंद्र सिंह, उमेश सिंह, विशाल कुमार, शैलेंद्र कुमार आदि ने संबोधित किया।