दुर्गा स्तोत्रम: शक्ति, भक्ति और रक्षा पाने का दिव्य साधन

दुर्गा स्तोत्रम: शक्ति, भक्ति और रक्षा पाने का दिव्य साधन

दुर्गा माता शक्ति का प्रतीक हैं और उनके स्तोत्र का पाठ भक्तों को भक्ति, साहस और मानसिक शक्ति प्रदान करता है। Durga Stotram का नियमित पाठ जीवन में नकारात्मकताओं और बाधाओं को दूर करता है। दुर्गा स्तोत्रम हृदय में श्रद्धा और भक्ति का संचार करता है, जिससे व्यक्ति मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनता है।

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Durga Stotram

जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे,
जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे॥

जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे,
जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे॥

जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे,
जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते॥

जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते,
जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे॥

जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे,
जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे॥

एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:,
गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा॥

स्तोत्र का पाठ करने की विधि

  1. समय और स्थान: स्तोत्र का पाठ सुबह या शाम को शांत और स्वच्छ स्थान पर करना सर्वोत्तम माना जाता है। मंदिर, घर के पूजा स्थल या कोई शांत कमरा सबसे उपयुक्त होता है।
  2. पूजन सामग्री: पाठ के लिए दीपक, अगरबत्ती, पुष्प, हल्का प्रसाद और दुर्गा माता की प्रतिमा या तस्वीर तैयार करें। लाल रंग और चंदन का इस्तेमाल पूजन में शुभ माना जाता है।
  3. पाठ से पहले संकल्प: पाठ शुरू करने से पहले मन में माता दुर्गा की कृपा पाने का संकल्प करें। हृदय में माता का रूप कल्पना करें और यह संकल्प करें कि आप भक्ति और श्रद्धा भाव से स्तोत्र का पाठ करेंगे।
  4. स्तोत्र का पाठ: साफ आसन पर बैठकर ध्यान केंद्रित करें और दुर्गा स्तोत्रम का उच्चारण स्पष्ट रूप से करें। पाठ के दौरान माता के रूप और उनके गुणों का ध्यान रखें।
  5. समापन: पाठ समाप्त होने पर माता को प्रणाम करें और प्रसाद अर्पित करें। कुछ समय ध्यान लगाकर माता की कृपा का अनुभव करें।
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इससे क्या क्या लाभ होते है-

  1. मानसिक शांति और स्थिरता: नियमित पाठ करने से मन शांत होता है और तनाव, चिंता और भय दूर होते हैं।
  2. नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा: दुर्गा स्तोत्र भक्त को बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा प्रदान करता है।
  3. साहस और आत्मविश्वास: माता दुर्गा की कृपा से व्यक्ति में साहस और आत्मबल का संचार होता है।
  4. सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि: पाठ से घर और आसपास का वातावरण पवित्र और ऊर्जावान बनता है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: भक्त का भक्ति भाव प्रगाढ़ होता है और आत्मा आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनती है।

Durga Stotram का पाठ श्रद्धा और भक्ति का दिव्य साधन है। नियमित पाठ करने से मानसिक शांति, साहस और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है। माता दुर्गा के आशीर्वाद से जीवन में बाधाएं दूर होती हैं और सभी कार्य सफल होते हैं। भक्ति और श्रद्धा के साथ इसका पाठ करें और उनके आशीर्वाद का अनुभव अपने जीवन में पाएं।

Shiv murti

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