दुर्गा सप्तशती मंत्र: माता की कृपा और शक्ति पाने का आसान तरीका

दुर्गा सप्तशती मंत्र: माता की कृपा और शक्ति पाने का आसान तरीका

दुर्गा माता शक्ति की देवी हैं, और दुर्गा सप्तशती मंत्र भक्तों के लिए एक अनमोल साधन है। यह मंत्र न केवल हमारे मन को शांति देता है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों और बाधाओं को भी दूर करता है। Durga Saptashati Mantra का पाठ करने से साहस, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, और जीवन में हर कार्य सफल होता है।

Durga Saptashati Mantra

कल्याणकारी मंत्र

ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते॥

संकट मुक्ति के लिए

रक्तबीजवधे देवी चण्डमुण्ड विनाशनी,
रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

रोगों से मुक्ति के लिए

स्तुवद्भ्यो भक्तिपूर्वं त्वां चण्डिके व्याधिनाशिनि,
रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

विवाह के लिए

पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्,
तारिणी दुर्ग संसार सागरस्य कुलोभ्दवाम्॥

नौकरी में पदोन्निति के लिए

वन्दिताप्राधियुगे देवी देव सौभाग्यदायिनी,
रुपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि॥

सौभाग्य प्राप्ति के लिए

देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्,
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥

गृह शांति के लिए

नवार्ण मंत्र’-‘ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे’॥

भय-नाश के लिये

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमन्विते,
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥

एतत्ते वदनं सौम्यं लोचनत्रयभूषितम्,
पातु नः सर्वभीतिभ्यः कात्यायनि नमोऽस्तु ते॥

ज्वालाकरालमत्युग्रमशेषासुरसूदनम्,
त्रिशूलं पातु नो भीतेर्भद्रकालि नमोऽस्तु ते॥

रक्षा पाने के लिये

शूलेन पाहि नो देवि पाहि खड्गेन चाम्बिके,
घण्टास्वनेन नः पाहि चापज्यानिःस्वनेन च॥

प्रसन्नता की प्राप्ति के लिये

प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विश्‍वार्तिहारिणि,
त्रैलोक्यवासिनामीड्ये लोकानां वरदा भव॥

स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति के लिये

सर्वभूता यदा देवी स्वर्गमुक्तिप्रदायिनी,
त्वं स्तुता स्तुतये का वा भवन्तु परमोक्तयः॥

मंत्र का जाप कैसे करें

  1. समय और स्थान: मंत्र जाप के लिए सुबह-सुबह या शाम का समय सबसे शुभ माना जाता है। घर में शांत और स्वच्छ जगह चुनें, जहां आपका मन पूरी तरह ध्यान में लगा रहे।
  2. पूजन सामग्री: मंत्र जाप के लिए दीपक, अगरबत्ती, पुष्प, हल्का प्रसाद और माता दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर तैयार करें। लाल रंग और चंदन पूजन में शुभ होते हैं।
  3. संकल्प: मंत्र पढ़ने से पहले मन में माता की कृपा पाने का संकल्प लें। अपने हृदय में माता के रूप और उनके संरक्षण की अनुभूति करें।
  4. मंत्र का जप: सबसे पहले साफ और आरामदायक आसन पर बैठें, फिर दुर्गा सप्तशती मंत्र को स्पष्ट और भक्ति भाव के साथ पढ़ें। संभव हो तो 108 बार मंत्र का जप करें।
  5. समापन और ध्यान: पाठ पूरा होने के बाद माता की आरती करें और प्रणाम कर दीपक की लौ को आंखों और माथे से लगाकर आशीर्वाद ग्रहण करें।
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मंत्र जाप से होने वाले लाभ

  1. मानसिक शांति: नियमित जप से मन शांत और स्थिर होता है, जिससे चिंता और भय दूर होते हैं।
  2. नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा: मंत्र पाठ से जीवन में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं का नाश होता है।
  3. साहस और आत्मबल: माता दुर्गा की कृपा से भक्त में साहस और आत्मबल बढ़ता है। जीवन की कठिनाइयों का सामना आसानी से किया जा सकता है।
  4. सकारात्मक ऊर्जा का संचार: मंत्र जाप से घर और आसपास का वातावरण पवित्र और ऊर्जावान बन जाता है।
  5. आध्यात्मिक विकास: नियमित पाठ से भक्ति भाव प्रगाढ़ होता है और आत्मा आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनती है।
  6. सफलता और समृद्धि: सप्तशती मंत्र की साधना से जीवन में सुख, सफलता और समृद्धि आती है। माता का आशीर्वाद सभी कार्यों को सिद्ध करता है।

Durga Saptashati Mantra केवल पाठ का माध्यम नहीं, बल्कि यह शक्ति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का दिव्य साधन है। नियमित पाठ और जाप से मानसिक शांति, साहस, आध्यात्मिक बल और जीवन में सफलता मिलती है। माता दुर्गा के आशीर्वाद से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और सभी कार्य सफल होते हैं।

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