चंद्रघंटा बीज मंत्र: नवरात्री के तीसरे दिन करे इस अद्भुत मंत्र का जाप
नवरात्रि में माँ दुर्गा के नौ रूपों में तीसरा रूप माँ चंद्रघंटा है। उन्हें साहस, वीरता और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति देने वाली देवी माना जाता है। Chandraghanta Beej Mantra का पाठ करने से जीवन में साहस, आत्मबल और मानसिक स्थिरता आती है। माँ चंद्रघंटा बीज मंत्र का नियमित जाप केवल आध्यात्मिक लाभ नहीं देता, बल्कि यह घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, सुरक्षा और समृद्धि भी लाता है।

Chandraghanta Beej Mantra
ऐं श्रीं शक्तयै नम:॥
बीज मंत्र का सरल और प्रभावशाली पाठ
- स्नान– सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और शांत वातावरण में बैठें।
- तस्वीर– माँ चंद्रघंटा की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
- भोग– लाल फूल और हल्का भोग (फल, मिठाई या प्रसाद) देवी को अर्पित करें।
- जाप – चंद्रघंटा बीज मंत्र का जाप श्रद्धा और एकाग्रता के साथ करें, धीरे-धीरे और स्पष्ट उच्चारण में।
- धन्यवाद – पाठ के अंत में देवी का ध्यान करके धन्यवाद दें और भोग ग्रहण करें।
- नियमितता – नियमित पाठ से मन में साहस, शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
बीज मंत्र के लाभ
- साहस और आत्मबल में वृद्धि – मंत्र जाप से भय और संकोच दूर होते हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति – घर और जीवन में नकारात्मक शक्तियाँ प्रवेश नहीं कर पातीं।
- मानसिक शांति और स्थिरता – कठिन परिस्थितियों में भी मन शांत और स्थिर रहता है।
- इच्छाओं की पूर्ति – श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करने पर माँ चंद्रघंटा भक्त की मनोकामनाएँ पूर्ण करती हैं।
- परिवार में सुख और समृद्धि – नियमित पाठ से परिवार में सौहार्द, सुख और समृद्धि बनी रहती है।
- आध्यात्मिक शक्ति का विकास – पाठ करने से मन, बुद्धि और आत्मा में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक जागरूकता आती है।
Chandraghanta Beej Mantra का नियमित पाठ जीवन में साहस, शक्ति और सकारात्मक बदलाव लाता है। माँ चंद्रघंटा की कृपा से जीवन की कठिनाइयाँ आसान लगने लगती हैं और भक्त मानसिक व आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ जाप करने से भक्त का मन शांत रहता है और जीवन में स्थायित्व, सुरक्षा और समृद्धि आती है।

