लक्ष्मी जी के 108 नाम: माता लक्ष्मी के नामों में छिपा समृद्धि और आशीर्वाद

Lakshmi Ji Ke 108 Naam माता लक्ष्मी के दिव्य रूप और शक्तियों का प्रतीक हैं। इन नामों का जाप करने से न केवल जीवन में धन और समृद्धि आती है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का भी अनुभव होता है। दीपवाली के दिन इन नामों का जाप करना बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। भक्तों का अनुभव है कि लक्ष्मी जी के 108 नाम का नियमित पाठ घर और कार्यस्थल में सुख-शांति और सौभाग्य लाता है, और जीवन की कठिनाइयाँ आसान हो जाती हैं।

rajeshswari

Lakshmi Ji Ke 108 Naam

  1. प्रकृती
  2. विकृती
  3. विद्या
  4. पद्मनाभाप्रिया
  5. रमा
  6. पद्ममालाधरा
  7. देवी
  8. पद्मिनी
  9. पद्मगन्धिनी
  10. पुण्यगन्धा
  11. सुप्रसन्ना
  12. प्रसादाभिमुखी
  13. सर्वभूतहितप्रदा
  14. श्रद्धा
  15. विभूति
  16. सुरभि
  17. परमात्मिका
  18. वाचि
  19. पद्मलया
  20. पद्मा
  21. शुचि
  22. स्वाहा
  23. स्वधा
  24. सुधा
  25. धन्या
  26. हिरण्मयी
  27. लक्ष्मी
  28. नित्यपुष्टा
  29. विभा
  30. आदित्य
  31. दित्य
  32. दीपायै
  33. वसुधा
  34. वसुधारिणी
  35. कमलसम्भवा
  36. कान्ता
  37. कामाक्षी
  38. क्ष्रीरोधसंभवा, क्रोधसंभवा
  39. अनुग्रहप्रदा
  40. बुध्दि
  41. अनघा
  42. हरिवल्लभि
  43. अशोका
  44. अमृता
  45. दीप्ता
  46. लोकशोकविनाशि
  47. धर्मनिलया
  48. करुणा
  49. लोकमात्रि
  50. पद्मप्रिया
  51. पद्महस्ता
  52. पद्माक्ष्या
  53. पद्मसुन्दरी
  54. पद्मोद्भवा
  55. नारायणसमाश्रिता
  56. दारिद्र्यध्वंसिनी
  57. देवी
  58. सर्वोपद्रव वारिणी
  59. नवदुर्गा
  60. महाकाली
  61. ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका
  62. त्रिकालज्ञानसम्पन्ना
  63. भुवनेश्वरी
  64. पद्ममुखी
  65. प्रभा
  66. चन्द्रवदना
  67. चन्द्रा
  68. चन्द्रसहोदरी
  69. चतुर्भुजा
  70. चन्द्ररूपा
  71. इन्दिरा
  72. इन्दुशीतला
  73. आह्लादजननी
  74. पुष्टि
  75. शिवा
  76. शिवकरी
  77. सत्या
  78. विमला
  79. विश्वजननी
  80. तुष्टि
  81. दारिद्र्यनाशिनी
  82. प्रीतिपुष्करिणी
  83. शान्ता
  84. शुक्लमाल्यांबरा
  85. श्री
  86. भस्करि
  87. बिल्वनिलया
  88. वरारोहा
  89. यशस्विनी
  90. वसुन्धरा
  91. उदारांगा
  92. हरिणी
  93. हेममालिनी
  94. धनधान्यकी
  95. सिध्दि
  96. स्त्रैणसौम्या
  97. शुभप्रदा
  98. नृपवेश्मगतानन्दा
  99. वरलक्ष्मी
  100. वसुप्रदा
  101. शुभा
  102. हिरण्यप्राकारा
  103. समुद्रतनया
  104. जया
  105. मंगला देवी
  106. विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता
  107. विष्णुपत्नी
  108. प्रसन्नाक्षी

पाठ करने की विधि

1. समय और स्थान:

  • सुबह का समय सबसे शुभ माना गया है।
  • शांत और स्वच्छ स्थान चुनें।

2. तैयारी:

  • माता लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति सामने रखें।
  • दीपक और अगरबत्ती जलाएँ।
  • हल्का स्नान करके मन और शरीर को शुद्ध करें।

3. मानसिक तैयारी:

  • मंत्र या नामों का जाप शुरू करने से पहले 2–3 मिनट गहरी साँस लें।
  • माता का ध्यान करते हुए सभी चिंताओं को छोड़ दें।
इसे भी पढ़े   वो माँ अंजनी का लाला है | शक्ति, भक्ति और नम्रता का स्वरूप

4. नामों का जाप:

  • लक्ष्मी जी के 108 नाम का उच्चारण धीरे-धीरे और स्पष्ट करें।
  • शुरुआत में 11 या 21 नाम पढ़ें और धीरे-धीरे 108 नामों तक बढ़ाएँ।
  • जाप करते समय माता की कृपा और आशीर्वाद की भावना बनाए रखें।

5. समापन:

  • पाठ समाप्त होने के बाद दीपक को सुरक्षित रूप से बुझाएँ।
  • माता का धन्यवाद करें और कुछ मिनट ध्यान लगाएँ।

पाठ करने के लाभ

  • धन और समृद्धि: माता लक्ष्मी की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: घर और कार्यस्थल में सकारात्मक वातावरण बना रहता है।
  • आध्यात्मिक विकास: भक्ति और आध्यात्मिक चेतना में वृद्धि होती है।
  • सफलता और आत्मविश्वास: जीवन की चुनौतियों में मनोबल और विश्वास बढ़ता है।

यदि आप अपने जीवन में धन, सुख और समृद्धि चाहते हैं, तो Lakshmi Ji Ke 108 Naam का नियमित पाठ अत्यंत लाभकारी है। इस पाठ से माता लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप जीवन में समृद्धि, आत्मविश्वास और आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव कर सकते हैं।

Shiv murti

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *