रोपवे गंडोला गिरने की झूठी खबर फैलाने पर दो के खिलाफ मुकदमा

रोपवे गंडोला गिरने की झूठी खबर फैलाने पर दो के खिलाफ मुकदमा

वाराणसी (जनवार्ता) : वाराणसी में देश के पहले अर्बन रोपवे प्रोजेक्ट को बदनाम करने की कोशिश के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर झूठी खबर फैलाने के मामले में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। दो व्यक्तियों, डॉ. शीतल यादव और अशोक दानोदा, के खिलाफ सिगरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन दोनों ने एक अन्य स्थान पर रोपवे गंडोला गिरने का वीडियो पोस्ट कर उसे वाराणसी का बताकर भ्रामक जानकारी फैलाई और राजनीतिक बयानबाजी की।

डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल के निर्देश पर रोडवेज चौकी प्रभारी पुष्कर दुबे की तहरीर के आधार पर यह कार्रवाई हुई। डॉ. शीतल यादव ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “बनारस में मोदी जी का चार किमी का रोपवे 800 करोड़ की लागत से बना, उद्घाटन होते ही डिब्बा टूटकर नीचे गिरा और मजे की बात है कि इसमें भाजपा का नेता भी साथ में गिर पड़ा।” अशोक दानोदा ने भी यही वीडियो और संदेश अपने ‘एक्स’ हैंडल पर साझा किया। पुलिस ने इस कृत्य को भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की छवि खराब करने का प्रयास माना है।

रोपवे की सुरक्षा पर अधिकारियों का बयान
वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग और एनएचएनएमएल की प्रोजेक्ट निदेशक पूजा मिश्रा ने संयुक्त रूप से बताया कि वाराणसी में बन रहा देश का पहला अर्बन रोपवे प्राकृतिक आपदाओं से पूरी तरह सुरक्षित है। तेज हवा या आकाशीय बिजली की स्थिति में गंडोला स्वचालित रूप से धीमा हो जाएगा। बिजली आपूर्ति बंद होने पर यह अपने आप निकटतम स्टेशन पर पहुंच जाएगा। कंट्रोल रूम से गंडोला बंद होने पर इसे अंदर से नहीं खोला जा सकता।

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परियोजना का लोकार्पण दिसंबर 2025 में संभावित
अधिकारियों ने बताया कि रोपवे का लोकार्पण इस वर्ष के अंत तक होने की संभावना है। किराया किफायती होगा और स्टेशनों पर व्यावसायिक गतिविधियों जैसे दुकानें व होटल शुरू किए जाएंगे, जिनके लिए नीलामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। परियोजना में यूरोपियन स्टैंडर्ड के सुरक्षा उपकरण लगाए जा रहे हैं। बिजली गुल होने पर जनरेटर उपलब्ध रहेंगे। आपात स्थिति में गंडोला को ऊपर से खोलने के लिए प्रत्येक स्टेशन पर क्रेन मौजूद रहेगी।

रोपवे कॉरिडोर 16 मीटर चौड़ा होगा, और इसका सबसे बड़ा टावर 160 फीट ऊंचा है, जो सिगरा के पास स्थित है। कार्यदायी एजेंसी को 15 वर्ष तक इसका संचालन करने की जिम्मेदारी दी गई है। परियोजना की सुरक्षा के लिए कंसल्टेंट इंजीनियर और रोपवे इंस्पेक्टर नियुक्त किए जाएंगे।

पुलिस की सख्ती का संदेश
पुलिस ने स्पष्ट किया कि भ्रामक सूचनाएं फैलाकर सार्वजनिक परियोजनाओं की छवि खराब करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

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