एसटीएफ : रंगदारी वसूलने वाले गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार
गाजियाबाद (जनवार्ता) : उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एनसीआर क्षेत्र में उद्यमियों और बिल्डरों से झूठी शिकायतों के जरिए रंगदारी वसूलने वाले गिरोह के तीन प्रमुख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान अंकुर गुप्ता (दरियागंज, दिल्ली), हरनाम धवन और नरेंद्र धवन (शास्त्रीनगर, दिल्ली) के रूप में हुई है।
एसटीएफ नोएडा यूनिट के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा और पुलिस उपाधीक्षक नवेंद्र कुमार के नेतृत्व में गठित टीम ने सोमवार को दिल्ली के सराय रोहिल्ला क्षेत्र से अभियुक्तों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद 30 सितंबर को गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाना क्षेत्र में एसटीएफ कार्यालय में उनकी गिरफ्तारी की गई। अभियुक्तों के कब्जे से 4 मोबाइल फोन, 50,627 रुपये नकद, 1 अमेरिकी डॉलर, 1 फर्जी आधार कार्ड और 17 डाक रसीदें बरामद की गई हैं।
एसटीएफ को मिली सूचना के आधार पर पता चला कि यह गिरोह उद्यमियों और बिल्डरों के खिलाफ ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, रेरा जैसे विभागों में झूठी शिकायतें दर्ज करवाता था। इसके बाद प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ऐसी शिकायतों को खबर के रूप में प्रकाशित करवाकर उद्यमियों की छवि खराब करने और उनसे रंगदारी वसूलने का काम करता था। एक मामले में गिरोह ने गाजियाबाद के एक बिल्डर से 15 करोड़ रुपये की मांग की, जिसे बाद में 5 करोड़ रुपये तक कम कर दिया गया। कुछ राशि वसूलने के बाद शेष के लिए दबाव बनाया जा रहा था।
पूछताछ में अंकुर गुप्ता ने बताया कि उसने अपनी कपड़े की दुकान पर लोन न चुका पाने के बाद विभिन्न विभागों में शिकायतें शुरू कीं, जिससे उसे इस अवैध धंधे का रास्ता मिला। उसने दिल्ली के छोटे समाचार पत्रों और यूट्यूब चैनल “दिल्ली अपटूडेट” के पत्रकारों को अपने गिरोह में शामिल कर लिया। यह गिरोह बिल्डरों के प्रोजेक्ट्स को निशाना बनाकर शिकायतें करता था, जिससे प्रोजेक्ट्स में देरी होती थी और खरीदारों को नुकसान उठाना पड़ता था।
वर्तमान में यह गिरोह करोलबाग के यूनिटी ग्रुप के प्रोजेक्ट “द अमारिलिस”, इंदिरापुरम के शिप्रा, साया बिल्डर और ग्रेटर नोएडा के केशवकुंज प्रोजेक्ट को निशाना बना रहा था। अभियुक्तों के खिलाफ थाना इंदिरापुरम, गाजियाबाद में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसटीएफ पीड़ितों की जानकारी एकत्र कर रही है और अग्रिम कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
इस कार्रवाई से एनसीआर क्षेत्र के उद्यमियों में राहत की उम्मीद जगी है, जो लंबे समय से इस तरह के अपराधिक गिरोहों के निशाने पर थे।