जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आईसीयू आग: 6 मरीजों की दर्दनाक मौत
5 की हालत गंभीर
जयपुर (जनवार्ता) : राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड में रविवार रात देर से लगी भीषण आग ने एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आग की चपेट में आकर ६ मरीजों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ५ अन्य की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है। यह हादसा शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ, जिससे वार्ड में भारी मात्रा में जहरीली गैसें फैल गईं। अस्पताल प्रशासन ने सभी प्रभावित मरीजों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया, लेकिन कई मरीजों की जान बचाना संभव नहीं हो सका।
घटना का विवरण
आग रविवार रात करीब ११:३० बजे ट्रॉमा सेंटर के दूसरे तल पर स्थित न्यूरो आईसीयू के स्टोरेज एरिया में लगी। अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि आईसीयू में ११ मरीज भर्ती थे, जिनमें से अधिकांश कोमा में थे। आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में पूरा वार्ड धुएं से भर गया। स्टाफ ने ट्रॉली और बेड सहित मरीजों को बाहर निकाला, लेकिन जहरीली गैसों के असर से ६ मरीजों की सांसें थम गईं। डॉ. धाकड़ ने कहा, “मरीजों की हालत पहले से ही क्रिटिकल थी। हमने सीपीआर और अन्य प्रयास किए, लेकिन बचाना संभव नहीं हो सका।”
मृतकों में २ महिलाएं और ४ पुरुष शामिल हैं। उनकी पहचान पिंटू (सीकर), दिलीप (आंधी, जयपुर), श्रीनाथ, रुकमिणी, खुदमा (सभी भरतपुर) और बहादुर (संगानेर, जयपुर) के रूप में हुई है। शवों को मोर्चरी में रखा गया है, जहां पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।
प्रत्यक्षदर्शियों का दर्द
परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया है। एक परिजन पुरण सिंह ने बताया, “स्पार्क होते ही सिलेंडर के पास धुआं फैल गया। डॉक्टर और स्टाफ भाग गए, मेरा रिश्तेदार अकेला रह गया। कोई फायर एक्सटिंग्विशर या पानी की व्यवस्था नहीं थी।” एक अन्य परिजन ओम प्रकाश ने कहा, “धुआं फैलते ही डॉक्टर भाग खड़े हुए। हमने खुद मरीजों को बाहर निकाला।” सोशल मीडिया पर भी कई यूजर्स ने इस घटना को सिस्टम की नाकामी बताया, जहां एक यूजर ने लिखा, “सरकारी अस्पतालों की हालत पर सवाल उठना जरूरी है।”
आग बुझाने में २ घंटे लग गए। फायर ब्रिगेड की ४ गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाया।
सरकारी प्रतिक्रिया
रात में ही राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात की और घायलों का हाल जाना। सीएम ने ट्वीट कर कहा, “यह घटना अत्यंत दुखद है। सरकार उच्च स्तरीय जांच कराएगी और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित होगी।” चिकित्सा मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने भी अस्पताल का दौरा किया। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है, जो शॉर्ट सर्किट की पुष्टि करेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।” सरकार ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट के आदेश दिए हैं।
पृष्ठभूमि और सबक
एसएमएस अस्पताल राजस्थान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां रोजाना हजारों मरीज इलाज कराते हैं। लेकिन बिजली की पुरानी वायरिंग और सुरक्षा उपकरणों की कमी ऐसी घटनाओं का कारण बन रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि आईसीयू जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बैकअप सिस्टम और रेगुलर मेंटेनेंस जरूरी है। यह हादसा दिल्ली के मक्स हॉस्पिटल आग जैसी घटनाओं की याद दिलाता है, जहां सुरक्षा लापरवाही ने कई जिंदगियां लील लीं।
परिजनों ने मुआवजे की मांग की है, जबकि अस्पताल प्रशासन ने कहा कि सभी प्रभावितों को सहायता दी जाएगी। जांच रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है, जो भविष्य में ऐसी त्रासदी रोकने में मदद करेगी।