उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने टीईटी अनिवार्यता के विरोध में उठाई आवाज
दिल्ली में होगा विशाल प्रदर्शन

वाराणसी (जनवार्ता) : उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जो 1921 से शिक्षकों के हितों के लिए संघर्षरत है, ने राष्ट्रीय शिक्षा अधिकार अधिनियम (RTE) लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) अनिवार्य करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्णय के खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है।
संघ के वरिष्ठ नेता सनत कुमार सिंह ने बताया कि 05 अक्टूबर 2025 को नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, गुजरात, तमिलनाडु सहित देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों के शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सुप्रीम कोर्ट के 01 सितंबर 2025 के उस निर्णय पर गहन चर्चा हुई, जिसमें कार्यरत शिक्षकों को सेवा में बने रहने और पदोन्नति के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य किया गया है।
सनत कुमार सिंह ने बताया कि सभी प्रतिनिधियों ने इस निर्णय को भेदभावपूर्ण मानते हुए इस पर गहरी चिंता जताई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस आदेश के खिलाफ कानूनी और आंदोलनात्मक दोनों स्तरों पर संघर्ष किया जाएगा। संघ ने भारत सरकार से मांग की है कि वह सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे और राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) को निर्देश दे कि वह शपथ पत्र देकर स्पष्ट करे कि RTE लागू होने से पहले नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी से छूट दी गई थी।
सनत कुमार सिंह ने चेतावनी दी कि यदि भारत सरकार इस भेदभावपूर्ण आदेश को संशोधित करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाती, तो नवंबर 2025 में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के नेतृत्व में देशभर के शिक्षक दिल्ली में विशाल धरना-प्रदर्शन करेंगे। इस आंदोलन में RTE लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की अनिवार्यता से मुक्त करने की मांग को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
संघ ने सभी शिक्षकों से इस आंदोलन में एकजुट होने का आह्वान किया है, ताकि उनके हितों की रक्षा के लिए एक सशक्त आवाज उठाई जा सके।

