केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में तिब्बती परंपरा के तहत वाद-विवाद प्रतियोगिता संपन्न
वाराणसी (जनवार्ता) : केन्द्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान (CUTS) के अतिश सभागार में आज तिब्बती परंपरा के अनुसार एक वाद-विवाद (शास्त्रार्थ) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। नालंदा के प्राचीन आचार्यों की परंपरा का अनुसरण करते हुए यह आयोजन प्रमाण, माध्यमिक, अभिधर्म और अभिसमयालंकार जैसे दार्शनिक सिद्धांतों पर केंद्रित रहा। इस प्रतियोगिता में चार अंडरग्रेजुएट कक्षाओं के छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
संस्थान के मूलशास्त्र विभाग के शिक्षक गेशे तेन ने कहा, “हमें प्रसन्नता है कि विभाग ने इस तरह के आयोजन के माध्यम से तार्किक और दार्शनिक समझ को बढ़ावा दिया।” उन्होंने बताया कि स्वयं भगवान बुद्ध ने अपने अनुयायियों को उनके वचनों की सावधानीपूर्वक परीक्षा करने का निर्देश दिया था, ताकि केवल सम्मान के आधार पर उन्हें स्वीकार न किया जाए। वाद-विवाद के माध्यम से छात्र न केवल दर्शनशास्त्र की गहन समझ विकसित करते हैं, बल्कि करुणा और तर्कसंगत दृष्टिकोण भी अपनाते हैं।
इस अवसर पर मूलशास्त्र के शिक्षक गेशे तेनज़िन नोरबू, गेशे लोबसांग वांगद्रक, खेनपो पासांग धार्ग्ये, खेनपो नगवांग थोकमे और खेनपो कोंचोक तेनपा के साथ-साथ छात्र कल्याण संघ के सदस्य भी उपस्थित रहे।