ठुमक ठुमक है गणपति नाचे | बाल गणेश की लीलाओं और आनंद का मनोहर भजन
“ठुमक ठुमक है गणपति नाचे” भजन श्री गणेश जी के बाल रूप की मनमोहक झलक प्रस्तुत करता है। इसमें वह भावना है जहाँ बप्पा छोटे बालक की तरह नाचते, मुस्कराते और अपने भक्तों के जीवन में आनंद भरते हैं। यह भजन सुनने या गाने से मन में एक पवित्र उल्लास और भक्ति का भाव जागता है। श्री गणेश का यह रूप हमें याद दिलाता है कि ईश्वर के साथ जुड़ाव में मासूमियत और प्रेम सबसे बड़ी साधना है।
डम डम डम डमरू बाजे,
ठुमक ठुमक है गणपति नाचे,
अरे नाचे सांग गण पिशाज़,
कि मेरे घर आएंगे बप्पा आज,
के मेरे घर आएंगे देवा आज……
चतुर्थी का दिन है प्यारा,
सजने लगा संसार सारा,
ढोल नगाड़े बचते कितने साथ,
कि मेरे घर आएंगे देवा आज,
के मेरे घर आएंगे गणपति आज…….
मोदक मेवा से लगता है,
बप्पा का भंडारा,
प्रथम पूजे जिसको सारा संसार,
कि मेरे घर आएंगे बप्पा आज,
के मेरे घर आएंगे देवा आज……
पूजन व गायन की विधि
- श्री गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाएँ।
- दूर्वा, लाल फूल और मोदक अर्पित करें।
- “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जप करके ध्यान केंद्रित करें।
- फिर हर्ष और भक्ति भाव से “ठुमक ठुमक है गणपति नाचे” भजन गाएँ।
- बच्चों के साथ या परिवार संग गाने से पूजा का आनंद और बढ़ जाता है।
- अंत में बप्पा से प्रेम, ज्ञान और सफलता का आशीर्वाद माँगें।
लाभ
- मन में हर्ष, शांति और उत्साह का संचार होता है।
- घर का वातावरण भक्तिमय और सकारात्मक बनता है।
- श्री गणेश जी की कृपा से कार्यों में सफलता और स्थिरता मिलती है।
- बच्चों में भी भक्ति और ईश्वर प्रेम का भाव विकसित होता है।
- यह भजन सुनने या गाने से तनाव मिटता है और मन हल्का होता है।
निष्कर्ष
“ठुमक ठुमक है गणपति नाचे” भजन केवल ईश्वर-स्मरण नहीं, बल्कि आनंद और प्रेम का उत्सव है। यह हमें सिखाता है कि ईश्वर के प्रति मासूम भक्ति ही सबसे सच्चा समर्पण है। जब बप्पा के बाल रूप की कल्पना करते हैं, तो मन अपने आप नृत्य करने लगता है और जीवन में खुशियों की वर्षा होने लगती है। इस भजन को श्रद्धा और मुस्कान के साथ गाने से श्री गणेश जी की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।