ज़िंदगी में जब से रोज़ पूज रहा हूँ | भक्ति, विश्वास और जीवन में परिवर्तन का प्रेरणादायक भजन

ज़िंदगी में जब से रोज़ पूज रहा हूँ | भक्ति, विश्वास और जीवन में परिवर्तन का प्रेरणादायक भजन

“ज़िंदगी में जब से रोज़ पूज रहा हूँ” भजन उस सच्चे भक्त की अनुभूति है, जिसने ईश्वर के प्रति समर्पण के माध्यम से अपने जीवन को नया अर्थ दिया है। इसमें वह भाव झलकता है कि जब इंसान रोज़ ईश्वर का स्मरण करता है, तो जीवन की उलझनें सरल होने लगती हैं और मन में शांति का प्रवाह आता है। यह भजन याद दिलाता है कि भक्ति केवल परंपरा नहीं, बल्कि आत्मा की आवश्यकता है।

rajeshswari

जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हु श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
सूख देने वाले विध्नहर को हरपहर करता हु नमन,
गणपति की भक्ति में न्यौछावर मेरातन मन औऱ धन…..

हर किसीसे प्रेम कर लो,
जाने कब मिल जाये प्रभु किसके भेष….

जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हु श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश…

ज्ञान देने वाले विद्याधर जी, सब को सन्मति दीजिए,
हम सब है ठहरे अज्ञानी, सब पर अपनी कृपा कीजिए…..

हर कोई मिल जुलकर रहे,
है गजनना, सुख शांति का दीजिये आशीष…..

जिंदगी में जब से रोज पूज रहा हु श्री गणेश,
तप्त हुआ तन मन धन, रही न कोई इच्छा शेष,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश जय गणेश जय गणेश.

विधि

  • हर दिन सुबह स्नान के बाद ईश्वर के सामने दीपक जलाएँ।
  • ताजे फूल और स्वच्छ जल अर्पित करें।
  • कुछ पल ध्यान लगाकर मन को शांत करें।
  • अपने आराध्य भगवान का नाम लेकर यह भजन गाएँ या सुनें।
  • पूजा के बाद धन्यवाद ज्ञापन करें और दिनभर सकारात्मकता बनाए रखें।
इसे भी पढ़े   जय हनुमान ज्ञान गुन सागर : भक्ति, बल और विश्वास का अद्भुत प्रतीक

लाभ

  • जीवन में शांति, स्थिरता और संतोष बढ़ता है।
  • नकारात्मकता और तनाव धीरे-धीरे समाप्त होते हैं।
  • भक्ति से आत्मविश्वास और मानसिक स्पष्टता मिलती है।
  • हर दिन के कार्यों में सफलता और ऊर्जा का अनुभव होता है।
  • भगवान का स्मरण जीवन को प्रेम, विश्वास और प्रकाश से भर देता है।

निष्कर्ष

“ज़िंदगी में जब से रोज़ पूज रहा हूँ” केवल एक पंक्ति नहीं, बल्कि जीवन का सत्य संदेश है — कि जब हम रोज़ ईश्वर को याद करते हैं, तो जीवन का हर दिन धन्य हो जाता है। पूजा केवल एक कर्म नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और मन की शक्ति है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि ईश्वर का स्मरण जीवन की दिशा बदल सकता है और हर पल को आनंदमय बना सकता है।

Shiv murti

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *