आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा | भक्ति, प्रेम और आस्था का दिव्य आमंत्रण

आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा | भक्ति, प्रेम और आस्था का दिव्य आमंत्रण

आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा यह वाक्य सच्चे भक्त के उस प्रेमपूर्ण भाव का प्रतीक है जहाँ वह अपने ईश्वर को अपने घर, अपने मन और अपने जीवन में आमंत्रित करता है। यह केवल एक भजन की पंक्ति नहीं, बल्कि भक्ति का आह्वान है जो भगवान शिव की करुणा और प्रेम को पुकारता है। जब भक्त भोलेनाथ को जागरण में बुलाता है, तो वह चाहता है कि उसके जीवन के अंधकार में प्रभु अपने आशीर्वाद की ज्योति जलाएँ। यही आस्था शिवभक्तों को सच्चे सुख और शांति की अनुभूति कराती है।

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बेगा पधारो भोले बेगा पधारो सा
आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा

लाडला विनायक लावो रिद्धि सिद्धी लावो सा
कार्तिक भैया लारा नंदी चडकर आवो सा
बेगा पधारो भोले बेगा पधारो सा
आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा

ब्रह्मा ने लावो लारा विष्णु ने लावो सा
सासदे मेया जी संग लक्ष्मी जी ने लावो सा
बेगा पधारो भोले बेगा पधारो सा
आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा

मात भवानी लारा जोगणिया ने लावो सा
काला गोरा लारा बेगा आप पधारो सा
बेगा पधारो भोले बेगा पधारो सा
आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा

तेतीस कोटि देवी देवता आप पधारो सा
भोलेनाथ रा कीर्तन माई सबकों मान बढाओ सा
बेगा पधारो भोले बेगा पधारो सा
आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा

भाव से पूजन या भजन विधि

  1. समय: सोमवार की रात्रि या शिवरात्रि के दिन भक्ति भाव से करें।
  2. स्थान: घर के मंदिर में या जागरण स्थल पर भगवान शिव का चित्र या शिवलिंग स्थापित करें।
  3. सामग्री: दीपक, बेलपत्र, पुष्प, धूप, गंगाजल और दूध रखें।
  4. प्रारंभ: “ॐ नमः शिवाय” का तीन बार उच्चारण करें।
  5. भजन या जप: श्रद्धा से “आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा” भजन गाएँ या उसका ध्यान करें।
  6. भावना रखें: मन में यह अनुभव करें कि भगवान भोलेनाथ स्वयं आपके बीच उपस्थित होकर आपके जीवन को आशीर्वाद दे रहे हैं।
  7. समापन: अंत में प्रणाम करें — “हे भोलेबाबा, मेरी भक्ति में सदैव आपकी उपस्थिति बनी रहे।”
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इस भक्ति से मिलने वाले लाभ

  • घर में सकारात्मक ऊर्जा: भक्ति और भजन से शुभता और शांति का वातावरण बनता है।
  • मन की स्थिरता: भगवान शिव का स्मरण मानसिक संतुलन और सुकून देता है।
  • संकटों का निवारण: भोलेनाथ की कृपा से सभी दुःख और बाधाएँ दूर होती हैं।
  • भक्ति की वृद्धि: श्रद्धा और प्रेम की भावना अधिक गहरी होती है।
  • आध्यात्मिक प्रगति: आत्मा को शुद्धि और ईश्वर के प्रति निकटता प्राप्त होती है।

निष्कर्ष

आवो मारा भोलेबाबा जागण में पधारो सा यह पंक्ति केवल एक विनती नहीं, बल्कि प्रेम की वह पुकार है जो हर भक्त के हृदय से निकलती है। जब हम भोलेनाथ को सच्चे मन से आमंत्रित करते हैं, तो वे अवश्य हमारे जीवन में आते हैं और अपने आशीर्वाद से हमारे कष्ट मिटाते हैं। उनका नाम लेते ही भय मिट जाता है और आनंद का संचार होता है। सच में, जो भक्ति से पुकारे, उनके द्वार पर स्वयं महादेव आकर कृपा बरसाते हैं।

Shiv murti

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