दुल्हा बने हैं भोलेनाथ, जोड़ी का जवाब नहीं | शिव–पार्वती के दिव्य मिलन का अनुपम उत्सव

दुल्हा बने हैं भोलेनाथ, जोड़ी का जवाब नहीं | शिव–पार्वती के दिव्य मिलन का अनुपम उत्सव

दुल्हा बने हैं भोलेनाथ, जोड़ी का जवाब नहीं यह वाक्य उस दिव्य क्षण की याद दिलाता है जब भगवान शिव ने हिमालय पुत्री पार्वती से विवाह कर संपूर्ण सृष्टि को प्रेम और समर्पण का संदेश दिया। यह विवाह केवल दो रूपों का नहीं, बल्कि शिव के वैराग्य और शक्ति के स्नेह का संगम था। भगवान भोलेनाथ का बाराती रूप और माता पार्वती की कोमलता इस मिलन को अनोखा बनाती है। यह कथा हमें सिखाती है कि प्रेम में रूप, वैभव या आडंबर नहीं, बल्कि सच्चाई और समर्पण का भाव ही सर्वोच्च है।

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दूल्हा बने हैं भोलेनाथ

दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ,
जोड़ी का, जवाब नहीं ll
जोड़ी का, जवाब नहीं, ll
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

गौरां, मेरी, महलों वाली ll
पर्वत पे, वस्ते, भोलेनाथ,
जोड़ी का, जवाब नहीं l
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

गौरां, मेरी, गोरी गोरी ll
श्याम, वर्ण, भोलेनाथ,
जोड़ी का, जवाब नहीं l
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

गौरां, खावे, लड्डू पेड़ा ll
भांग, पीवे, भांग, भोलेनाथ,
जोड़ी का, जवाब नहीं l
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

गौरां, ओढे, लाल चुनरिया ll
बाघंबर, ओढ़े, भोले नाथ,
जोड़ी का, जवाब नहीं l
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

गौरां, करती, सोलह श्रृंगार ll
भोले के, गले में, सरप हार,
जोड़ी का, जवाब नहीं l
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

गौरां, पहने, बजनी पयलिया ll
घुंघरू, पहने हैं, भोले नाथ,
जोड़ी का, जवाब नहीं l
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

गौरां, के दर बाजे, ढोल छैने ll
डमरु, बजावे, भोले नाथ,
जोड़ी का, जवाब नहीं l
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

गौरां, मेरी, डोली में बैठीं ll
नंदी, पे बैठे, भोलेनाथ,
जोड़ी का, जवाब नहीं l
दूल्हा, बने हैं, भोलेनाथ…

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हर हर महादेव!

भाव से पूजन या ध्यान विधि

  1. दिन: सोमवार या शिवरात्रि के दिन यह पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।
  2. स्थान: घर के मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा या चित्र रखें।
  3. सामग्री: फूल, बेलपत्र, धूप, दीपक, गंगाजल, फल और मिठाई रखें।
  4. प्रारंभ: “ॐ नमः शिवाय” का पाँच बार जप करें और दीप प्रज्वलित करें।
  5. पूजन: भगवान शिव को जल अर्पित करें और माता पार्वती को फूल अर्पित करें।
  6. भजन या कथा: श्रद्धा से “दुल्हा बने हैं भोलेनाथ” भजन गाएँ या शिव विवाह की कथा सुनें।
  7. समापन: हाथ जोड़कर प्रार्थना करें — “हे शिव–शक्ति, हमारे जीवन में भी आपका प्रेम और आशीर्वाद बना रहे।”

इस भक्ति से मिलने वाले लाभ

  • वैवाहिक जीवन में सुख–शांति: शिव–पार्वती की पूजा से दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है।
  • संबंधों में सौहार्द: उनके आशीर्वाद से परिवार में मधुरता और आपसी सम्मान बढ़ता है।
  • संकटों का निवारण: शिव–शक्ति की कृपा से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं।
  • भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि: पूजा से मन में समर्पण और ईश्वर के प्रति प्रेम बढ़ता है।
  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा: वातावरण में पवित्रता और आनंद का संचार होता है।

निष्कर्ष

दुल्हा बने हैं भोलेनाथ, जोड़ी का जवाब नहीं यह केवल भक्ति का गीत नहीं, बल्कि प्रेम और एकता की वह झांकी है जहाँ शिव और शक्ति सृष्टि का आधार बनते हैं। उनका यह विवाह हमें यह सिखाता है कि सच्चा प्रेम त्याग, आस्था और विश्वास पर टिका होता है। जब हम इस दिव्य जोड़ी को स्मरण करते हैं, तो हमारे हृदय में भक्ति और करुणा का प्रवाह बढ़ जाता है। सच में, शिव–पार्वती की जोड़ी संसार में अद्वितीय है — जो हर भक्त के जीवन में शुभता और आनंद का संचार करती है।

Shiv murti

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