ठुमक ठुमक है गणपति नाचे | आनंद, भक्ति और प्रेम का अद्भुत संगम

ठुमक ठुमक है गणपति नाचे | आनंद, भक्ति और प्रेम का अद्भुत संगम

ठुमक ठुमक है गणपति नाचे भक्ति और हर्ष का वह भाव है जो हर भक्त के दिल में बसता है। जब गणेश चतुर्थी का पर्व आता है, तो ऐसा लगता है मानो स्वयं गणपति बाप्पा भक्तों के साथ नृत्य कर रहे हों। इस भाव में भक्त की सच्ची भक्ति, निष्कपट प्रेम और विश्वास झलकता है। यह पंक्ति हमें बताती है कि जब मन में श्रद्धा और आनंद होता है, तब भक्ति पर्व की हर लहर दिव्यता से भर जाती है। गणेश जी का नृत्य जीवन की हर खुशी और उल्लास का प्रतीक बन जाता है।

rajeshswari

डम डम डम डमरू बाजे,
ठुमक ठुमक है गणपति नाचे,
अरे नाचे सांग गण पिशाज़,
कि मेरे घर आएंगे बप्पा आज,
के मेरे घर आएंगे देवा आज……

चतुर्थी का दिन है प्यारा,
सजने लगा संसार सारा,
ढोल नगाड़े बचते कितने साथ,
कि मेरे घर आएंगे देवा आज,
के मेरे घर आएंगे गणपति आज…….

मोदक मेवा से लगता है,
बप्पा का भंडारा,
प्रथम पूजे जिसको सारा संसार,
कि मेरे घर आएंगे बप्पा आज,
के मेरे घर आएंगे देवा आज……

गणेश जी की आनंदमयी आराधना कैसे करें

  1. समय: गणेश चतुर्थी या किसी भी बुधवार की सुबह शुभ मानी जाती है।
  2. स्थान: घर के मंदिर या पूजा स्थल को फूलों और दीपों से सजाएँ।
  3. सामग्री: मोदक, दूर्वा, लाल फूल, दीपक, धूप, और गणेश जी की प्रतिमा या चित्र।
  4. पूजन क्रम:
    • दीपक जलाएँ और गणेश जी को प्रणाम करें।
    • “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जप करें।
    • मोदक और फूल अर्पित करते हुए हर्षपूर्वक गाएँ — “ठुमक ठुमक है गणपति नाचे।”
    • आरती करें और परिवार के साथ भक्ति गीतों का गायन करें।
  5. भाव: पूजा में मन प्रसन्न, हृदय निष्कपट और वातावरण उल्लास से भरा होना चाहिए; यही सच्ची आराधना है।
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गणपति उपासना से प्राप्त होने वाले शुभ फल

  • मन की उदासी और नकारात्मकता दूर होती है।
  • जीवन में खुशहाली, शांति और सौभाग्य का वास होता है।
  • कार्यों में सफलता और प्रगति मिलती है।
  • घर में सकारात्मक ऊर्जा और आनंदमय वातावरण बनता है।
  • गणेश जी की कृपा से हर कष्ट और बाधा का अंत होता है।

निष्कर्ष

“ठुमक ठुमक है गणपति नाचे” यह भाव हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति वह है जिसमें मन नाच उठे और आत्मा प्रसन्न हो जाए। जब हम पूरे प्रेम और आनंद के साथ गणपति बाप्पा की आराधना करते हैं, तो वे भी हमारे जीवन में नृत्य की तरह उल्लास भर देते हैं। हर दिन यदि हम इस भाव से उन्हें याद करें, तो जीवन में कभी निराशा नहीं रहती। इसलिए सच्चे मन से गाएँ — “ठुमक ठुमक है गणपति नाचे, मेरे मन मंदिर में बाप्पा विराजे।”

Shiv murti

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