वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर बोले सीएम योगी : “यह गीत राष्ट्रमाता के प्रति कर्तव्यों का आह्वान”

लखनऊ (जनवार्ता)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर कहा कि यह गीत केवल आजादी का प्रतीक नहीं, बल्कि **राष्ट्रमाता के प्रति कर्तव्यों की सामूहिक अभिव्यक्ति है। उन्होंने इसे राष्ट्रप्रथम की भावना को जगाने वाला अमर मंत्र बताया।
स्वतंत्रता संग्राम का प्रेरक स्वर
सीएम योगी ने कहा, “वंदे मातरम् स्वतंत्रता संग्राम का अमर मंत्र था। विदेशी हुकूमत के अत्याचारों के बावजूद भारत के सेनानियों ने इसे जीवन का हिस्सा बना लिया। हर गांव, हर प्रभात फेरी और हर आंदोलन में यह गीत भारत की सामूहिक चेतना का स्वर बना।”
बंकिम चंद्र को नमन, बंग-भंग का जिक्र
राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को नमन करते हुए सीएम ने कहा कि यह गीत संस्कृत-बांग्ला की सीमाओं से आगे बढ़कर संपूर्ण भारत की आत्मा बन गया।
1905 में बंग-भंग के दुस्साहस के खिलाफ वंदे मातरम् ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधा।”
फांसी के तख्ते पर भी यही स्वर
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया, “जब भी कोई क्रांतिकारी फांसी के तख्ते पर चढ़ा, उसके होंठों पर वंदे मातरम् ही था। यह गीत हर भारतीय में राष्ट्रप्रेम और त्याग की भावना जगाता है।”
संविधान सभा ने दी मान्यता
सीएम ने बताया कि 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा ने वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत का दर्जा दिया। यह अब भारत की सामूहिक चेतना और राष्ट्रीयता का प्रतीक है।
पीएम मोदी का आह्वान, नई ऊर्जा
कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर यह स्मृति दिवस पूरे देश में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संदेश लेकर आया है।
“वंदे मातरम् हमें हमारे कर्तव्यों के प्रति सजग करता है।”
योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री

