दिल्ली ब्लास्ट में आतंकी साजिश का शक गहराया: डॉक्टर उमर मोहम्मद की तस्वीर आई सामने
UAPA के तहत केस दर्ज, NIA-NSG जांच में जुटी

नई दिल्ली (जनवार्ता) | देश की राजधानी दिल्ली सोमवार शाम उस वक्त दहल उठी जब लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक चलती आई-20 कार में जोरदार धमाका हुआ। विस्फोट इतना भयानक था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियाँ जलकर खाक हो गईं और पास की इमारतों के शीशे टूट गए। इस हादसे में अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चौबीस से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
दिल्ली पुलिस ने इस घटना को आतंकी साजिश की संभावना मानते हुए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA की धारा 16 और 18 के तहत मामला दर्ज किया है। साथ ही विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 और 4 भी लगाई गई है, जो अवैध विस्फोटक के कब्जे और उपयोग से संबंधित हैं। पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा ने बताया कि धमाके के वक्त कार में तीन लोग सवार थे। एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है, जबकि दो अन्य फरार हैं।
जांच एजेंसियों को शक है कि इस ब्लास्ट के पीछे फरीदाबाद मॉड्यूल का हाथ है। सूत्रों के अनुसार संदिग्ध डॉक्टर उमर मोहम्मद की पहली तस्वीर सामने आई है। उमर पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) का रहने वाला बताया जा रहा है और वह फरीदाबाद के अल फलह मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर था। खुफिया सूत्रों का कहना है कि उमर वही तीसरा डॉक्टर है जो पहले से गिरफ्तार दो आरोपियों — डॉ. आदिल अहमद (अनंतनाग) और डॉ. मुजम्मिल शकील — के साथ इस नेटवर्क से जुड़ा था। इन्हीं की निशानदेही पर कुछ माह पहले फरीदाबाद से करीब 2,900 किलो विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी।
धमाके के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) की टीमें मौके पर पहुंची हैं। खुफिया ब्यूरो (IB) और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) के अधिकारी भी जांच में जुटे हैं। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और आसपास के CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं।
दिल्ली पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां अब इस बात की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं इस धमाके का सीधा संबंध पुलवामा या किसी बड़े आतंकी नेटवर्क से तो नहीं है। राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और सभी संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

