भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है

भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है

“भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है” — यह पंक्ति हमें याद दिलाती है कि सच्ची भक्ति कभी अनसुनी नहीं जाती। जब मन पूरी श्रद्धा और सच्चे भाव से ईश्वर को पुकारता है, तब वे स्वयं किसी न किसी रूप में सहायता करने चले आते हैं। यह केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन का अनुभव है जो हर भक्त ने अपने आस्था के क्षणों में महसूस किया है। ईश्वर के लिए समय, दूरी या स्थान मायने नहीं रखते — वे तो भाव से बंधे हैं, और जहाँ प्रेम और विश्वास है, वहीं उनकी उपस्थिति है।

rajeshswari

घनश्याम नाम जिसके मन में बस जाता है………..2
भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है…………2
घनश्याम नाम जिसके मन में बस जाता है………..2
भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है…………2

जय श्री श्याम…………8

1 ) शबरी ने पुकारा तो श्री राम चले आए ,
इतना ही नहीं उनके झूठे फल भी खाए……………2
हरि नाम सुनो भक्तों………..2
मुक्ति का दाता है
भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है…………2

2 ) द्रोपती की टेर सुनके द्वारिका से आये हरि ,
हो गए वस्त्र का रूप ना पल की देर करि…………..2
दुशासन हार गया ……….2
हर कोई बतलाता है
भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है…………2

3 ) नरसी ने पुकार करी हरि बन गढ़वाले
नानी का भात भरने आ गए कृष्ण काले…………..2
नरसी मनमोहन को………….2
केदार सुनता है
भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है…………2

4 ) भूलन त्यागी कहता मत भूलो ईश्वर को
ये वेश विराना है इक दिन जाना घर को…………….2
पत की बाधाओ को……………2
वो नाथ हटाता है
भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है…………2

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घनश्याम नाम जिसके मन में बस जाता है………..2
भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है…………2
घनश्याम नाम जिसके मन में बस जाता है………..2
भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है…………2
जय श्री श्याम…………8

भाव से भक्ति करने की विधि

  1. समय: प्रातः ब्रह्ममुहूर्त या संध्या का समय सबसे उत्तम है।
  2. स्थान: किसी शांत और स्वच्छ स्थान पर दीपक या धूप जलाएँ।
  3. प्रारंभ: आँखें बंद करके ईश्वर का स्मरण करें और अपने हृदय की बात मन ही मन कहें।
  4. भक्ति का भाव: यह महसूस करें कि भगवान आपके पास ही हैं और आपकी पुकार सुन रहे हैं।
  5. भजन/जप: इस पंक्ति को भावपूर्वक दोहराएँ —
    “भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है।”
  6. समापन: ईश्वर को धन्यवाद दें और उनसे यह प्रार्थना करें कि वे सदैव आपके जीवन में उपस्थित रहें।

इस भक्ति भाव के लाभ

  • अटूट विश्वास का जन्म: मन में ईश्वर के प्रति दृढ़ आस्था उत्पन्न होती है।
  • आत्मिक शक्ति मिलती है: कठिन समय में मनोबल और शांति बनी रहती है।
  • भय और चिंता दूर होती है: ईश्वर की उपस्थिति का अहसास सुरक्षा का भाव लाता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है: हर परिस्थिति में हृदय में आशा और प्रेम बना रहता है।
  • ईश्वर कृपा का अनुभव: जीवन में अनपेक्षित रूप से सहायता और मार्गदर्शन प्राप्त होता है।

निष्कर्ष

“भगवान चले आते वो जब भी बुलाता है” — यह वाक्य हमें यह विश्वास दिलाता है कि ईश्वर सदा हमारे पास हैं, बस हमें सच्चे मन से पुकारने की देर है। जब भाव, भक्ति और विश्वास एक हो जाते हैं, तब ईश्वर स्वयं अपने भक्त के जीवन में उतर आते हैं। यह भाव न केवल आस्था को मजबूत करता है, बल्कि जीवन को प्रेम, धैर्य और शांति से भर देता है। जो हृदय सच्चे मन से उन्हें बुलाता है, वहाँ भगवान अवश्य आते हैं — क्योंकि प्रेम और भक्ति ही उनका सच्चा मार्ग है।

Shiv murti

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