बाला जी दर्शन दे दो | श्रद्धा, तड़प और कृपा का अद्भुत संगम
“बाला जी दर्शन दे दो” — यह पंक्ति उस भक्त-भाव को दर्शाती है जिसमें हृदय बालाजी महाराज के केवल एक दर्शन के लिए बेचैन रहता है। बालाजी का स्वरूप शक्ति, रक्षा, करुणा और चमत्कारों से भरा है, और भक्त उन्हें अपना सच्चा सहारा मानकर पुकारता है। जब मन दुख, डर या कठिनाइयों में उलझा होता है, तब बालाजी के दर्शन का विचार ही आत्मा को शांति देता है। उनका आशीर्वाद जीवन की हर परेशानी को हल्का कर देता है। यही कारण है कि भक्त प्रेम और विनम्रता से पुकारते हैं — “बाला जी दर्शन दे दो।”

बालाजी दर्शन देदो,
दर्शन देदो बालाजी,
कलयुग के देव दयालु,
रहना तुम हमसे राजी,
नाम तेरा संकट मोचन,
संकट मेरा हरना होगा,
बजरंग बाला माता अंजनी का लाला,
देवो में देव निराला तू मेरा बजरंग बाला…..
प्रभु श्री राम के तुम हो,
और मैं हूँ दास तुम्हारा,
आसरा तुमको उनका,
आसरा हमे तुम्हारा,
रखलो मुझको शरण में हाल मेरा क्या वरना होगा…..
बालाजी अजर अमर हो,
तेरे रहते क्या डर हो,
सुनकर आवाज हो आते,
जिसपे तेरी ये नजर हो,
लिया जो नाम तेरा तुझे हाथ मेरे सिर धरना होगा…..
तू ही निर्बल का बल है,
तू ही मुश्किल का हल है,
तू बिगड़े कारज साधे,
हमे विश्वास अटल है,
मैं तो दर आ गया तेरे काम मेरा भी करना होगा…..
कभी भी दूर मेरे ये,
बाबा संताप ना होते,
बनकर जो ढाल टोनी संग,
बालाजी आप ना होते,
सचिन के साथ है बाबा फिर भला क्यों डरना होगा……
भाव से पूजा-विधि
- समय: मंगलवार और शनिवार बालाजी की पूजा के लिए सर्वोत्तम हैं।
- स्थान: घर का मंदिर, या बालाजी की तस्वीर/मूर्ति के सामने दीपक जलाएँ।
- सामग्री: लाल फूल, चोला, सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चना और मीठा प्रसाद।
- प्रारंभ: “जय श्री बालाजी महाराज” कहकर अपनी मनोकामना मन में रखें।
- भक्ति:
धीरे-धीरे यह पंक्ति बोलें —
“बाला जी दर्शन दे दो।”
साथ में बालाजी की कथा, चालीसा या आरती का पाठ करें। - “हे बालाजी महाराज, मुझे आपकी कृपा और मार्गदर्शन के दर्शन कराएँ।”
इस भाव से भक्ति करने के लाभ
- मन की बेचैनी दूर होती है और आत्मा शांत होती है।
- संकट, बाधाएँ और डर कम होता है।
- मनोकामनाएँ धीरे-धीरे पूर्ण होने लगती हैं।
- आत्मविश्वास, साहस और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- बालाजी की कृपा से जीवन में सुरक्षा और स्थिरता आती है।
निष्कर्ष
“बाला जी दर्शन दे दो” — यह पंक्ति एक भक्त की सच्ची तड़प का प्रतीक है, जहाँ वह अपने आराध्य के केवल एक दर्शन में संपूर्ण जीवन का सुख अनुभव करता है। बालाजी की कृपा जिस पर हो जाती है, उसका मार्ग स्वयं ही सरल होने लगता है। उनके दर्शन मन को शांति, आत्मा को शक्ति और जीवन को नई दिशा देते हैं। जब हम पूरे विश्वास और प्रेम से उन्हें पुकारते हैं, तो वे अवश्य ही हमारी ओर कृपा-दृष्टि डालते हैं। वास्तव में, बालाजी महाराज को समर्पित हृदय कभी खाली नहीं लौटता।

